UPSC Coaching Delhi: हर साल लाखों युवा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं. इसकी तैयारी के लिए वे बड़े शहरों की राह पकड़ते हैं. दिल्ली यूपीएससी कोचिंग हब कहलाता है. जानिए यूपीएससी एस्पिरेंट्स क्यों परेशान हैं और उनकी क्या मांगें हैं.
दिल्ली राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स के डूबकर जान गंवाने के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. यह हादसा 27 जुलाई की शाम को उस वक्त हुआ जब बारिश की वजह से बेसमेंट में अचानक पानी भरने के कारण अफरा-तफरी मच गई थी. इस हादसे के बाद से ही स्टूडेंट्स राव आईएएस स्टडी सर्कल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक यूपीएससी एस्पिरेंट्स के साथ ही डीयू और जेएनयू के कई स्टूडेंट्स भी वहां मौजूद हैं.मीडिया से हुई बातचीत में वहां मौजूद यूपीएससी एस्पिरेंट्स से उन्हें हो रही मुश्किलों को लेकर बात की. इसके साथ यह भी बताया कि उनकी क्या-क्या मांगे हैं...
देश भर के स्टूडेंट्स यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आकर कोचिंग करते हैं. किसी के पिता ने खेत-जमीन बेचकर अपने बच्चों भेजते हैं तो कोई बेटे या बेटी की पढ़ाई के लिए लोन लेता है. सालों साल राजेंद्र नगर के एक छोटे से कमरे में रहकर युवा सिविल सर्विस की तैयारी करते हैं. ऐसे में इस घटना ने इन सभी को झकझोर कर रख दिया है.
यूपीएससी एस्पिरेंट्स कोचिंग संस्थानों को कई बार अपनी परेशानियां बता चुके हैं लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया, लेकिन अब उन्हें अपनी मांगें रखने का मौका मिला है
यूपीएससी कोचिंग के लिए स्टूडेंट्स को लाखों रुपये फीस भरनी पड़ती है. यह बैच और कोर्स के हिसाब से कम-ज्यादा होती है. हर कैंडिडेट पहली बार में परीक्षा पास नहीं कर पाता है और उसे कई सालों लाखों की फीस देनी पड़ती है. अब यूपीएससी एस्पिरेंट्स चाहते हैं कि इसमें सरकार की दखलंदाजी करें और फीस के संबंध में कड़े नियम बनाए.
ओल्ड राजिंदर नगर और उसके आस-पास के एरिया में मकान मालिक मनमाना किराया वसूलते हैं. एक छोटा से कमरे का किराया भी 15 से 18 हजार रुपये तक देना पड़ता है. अपने घर वालों पर निर्भर इन स्टूडेंट्स के लिए इतना किराया भरना बहुत मुश्किल होता है. ऐसे में यूपीएससी एस्पिरेंट्स मांग कर रहे हैं कि यहां किराए और ब्रोकर सिस्टम के लिए भी नियम बनने चाहिए.
कोचिंग सेंटर वाले इलाकों में लोग पानी की कमी से भी जूझ रहे हैं. कई एस्पिरेंट्स के मुताबिक दैनिक कामों के लिए भी पानी उपलब्ध न होने के कारण अलग से खरीदना पड़ता है. उनका कहना है कि इस इलाके में आम नागरिक की तरह मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति होनी चाहिए.
इसके अलावा कोचिंग सेंटरों और घरों के बाहर झूलते तार भी खतरनाक है. हाल ही में एक स्टूडेंट्स की करेंट लगने से मौत हुई थी. इन इलाकों में रहने वाले एस्पिरेंट्स इन दिक्कतों अब जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं.
यहां पानी भरने की भयावह स्थिति है. राजेन्द्र नगर में पानी भर जाने के कारण 3 युवाओं की मौत हो गई.
ज्यादातर कोचिंग सेंटर्स की लाइब्रेरी बेसमेंट में हैं. स्टूडेंट्स अपना ज्यादातर टाइम लाइब्रेरी में गुजारते हैं, जो उनके लिए सेफ स्पेस है. लाइब्रेरी में हुए इस हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है. युवाओं को यहां पढ़ाना सस्ता पड़ता है, क्योंकि बेसमेंट वाली लाइब्रेरी की फीस होती है.
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