इस गैजेट का नाम बायो-इंस्पायर्ड हैप्टिक (BAMH) सिस्टम है. इस गैजेट के पीछे काम करने वाली टीम का मानना है कि वे ऐसा दस्ताना बना सकते हैं जिससे आप महसूस कर सकते हैं कि आप किसी का हाथ पकड़े हुए हैं.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर हेल्गे वुर्डमैन ने इस डिवाइस पर काम किया है. उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि हमारे पास ऐसी तकनीक है जिससे हम दस्ताना डिजाइन कर सकते हैं."
प्रोफेसर हेल्गे वुर्डमैन ने कहा, "हम कई उंगलियों को जोड़कर देखना चाहते हैं. हम समझना चाहते हैं कि क्या हम कुछ समय बाद स्पर्श की संवेदनशीलता कम होती है या नहीं. और फिर हम उस डेटा को चिकित्सक को देना चाहते हैं ताकि वे समझ सकें कि क्या वे स्पर्श की धारणा कम होने से रोकने के लिए अपनी चिकित्सा बदल सकते हैं."
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से डॉ. सारा अबाद ने कहा, "अफसोस की बात है कि वीडियो कॉल से एक दिक्कत होती है. सामाजिक संबंध बनाने के लिए स्पर्श जरूरी है, लेकिन वीडियो कॉल से ऐसा नहीं हो सकता. इस तकनीक से हम अपने वर्चुअल सामाजिक संपर्क में स्पर्श को शामिल कर सकते हैं. यह रोगियों के लिए स्पर्श धारणा का पता लगाने के लिए भी एक उपकरण के रूप में काम कर सकता है, जो संवेदनशीलता खो देते हैं."
विशेषज्ञों का कहना है कि लंदन में एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में अपने मर रहे रिश्तेदार का हाथ पकड़ सकेगा. इस तकनीक का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जा सकता है जो स्पर्श की अपनी भावना खो रहे हैं जैसे कि मेटाकार्पल टनल सिंड्रोम या डाइबिटीज वाले.
ट्रेन्डिंग फोटोज़