Bihar CM Nitish Kumar Delhi Visit: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली दौरे पर उठ रहे सवाल के बीच कहा कि डॉक्टरों से वह अपनी आंख दिखाने दिल्ली आए हैं.
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Patna: किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री का दिल्ली जाना वैसे तो कोई सुर्खियां बटोरने वाली बात नहीं हो सकती. लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा क्या हुआ, बिहार के सियासी हलके में कयासों के तीर चलने लगे.
कोरोना के लंबे काल के बाद मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा तय हुआ और विपक्ष ने सवालों की ऐसी बौछार कर दी कि सत्ता पक्ष के लिए जवाब देना जरूरी हो गया. हालात ये हो गए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने दिल्ली दौरे का कारण मीडिया के सामने स्पष्ट किया. हालांकि, विपक्ष कहां मानने वाला है, वो तो अब भी पूरे दौरे को सियासी चश्मे से ही देख रहा है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी सबकी निगाहें
पिछले कुछ समय से ऐसी खबरें लगातार आ रही हैं कि केन्द्र की मोदी सरकार में कुछ और मंत्री शामिल हो सकते हैं. यानी मोदी कैबिनेट का जल्द विस्तार हो सकता है. अब जाहिर सी बात है, मोदी कैबिनेट का विस्तार होने की बात आएगी तो नए चेहरे कौन होंगे इसकी भी चर्चा होनी तय है. ऐसे में राजनीतिक तौर पर देश के सबसे संवेदनशील प्रदेशों में से एक बिहार में हलचल तेज़ तो होनी ही है.
केन्द्र में मोदी कैबिनेट के विस्तार को लेकर बिहार में भी सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. इसको JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बयान ने बल दिया. मोदी कैबिनेट के विस्तार को लेकर JDU अध्यक्ष ने कहा कि 'इस बात में कोई कन्फ्यूज़न नहीं होना चाहिए कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो JDU की भी उसमें भागीदारी होगी'. आरसीपी सिंह की बस इतनी सी बात ने विपक्ष को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया.
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दिल्ली दौरे की 'टाइमिंग' ने भी माहौल बनाया
दरअसल सिर्फ आरसीपी सिंह का बयान ही सीएम के दौरे पर सवाल उठाने की वजह नहीं बना. कुछ ऐसे इत्तेफाक भी होते गए कि सीएम के इस दौरे ने कई सवाल खड़े कर दिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली पहुंचे, जबकि उसके ठीक एक दिन पहले बिहार BJP अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल भी दिल्ली पहुंचते हैं. जाहिर सी बात है कि बिहार में NDA सरकार है, जिनके दो बड़े धड़े BJP और JDU हैं. ये भी चर्चा है कि मोदी कैबिनेट के विस्तार में JDU के अलावा बिहार BJP से भी कुछ चेहरे हो सकते हैं. ऐसे में पहले संजय जायसवाल का जाना और उसके एक दिन बाद सीएम नीतीश कुमार का दिल्ली पहुंचना चौंकाता जरूर है.
इसके अलावा एक बात और जो चौंकाती है, वो सीएम के दिल्ली प्रवास की लंबी अवधि है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बार 8 दिन के लिए दिल्ली गए हैं. ऐसा बहुत कम ही होता है कि मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा इतना लंबा हो. हालांकि JDU के नेता और खुद मुख्यमंत्री भी बता चुके हैं कि उन्हें अपनी आंखों का उपचार कराना है. लेकिन कई सारे इत्तेफाक सवालों को जन्म तो देते ही हैं.
मोदी कैबिनेट में JDU की भागीदारी पर विपक्ष को ऐतराज़
बिहार में विपक्ष को इस बात पर ऐतराज है कि JDU केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल हो. विपक्ष इसके पीछे कई वजह गिना रहा है. विपक्ष का पहला सवाल तो ये है कि 'क्या मंत्रिमंडल में सांसदों की संख्या के अनुपात में JDU को भागीदारी मिलेगी?'. विपक्ष का मानना है कि JDU अगर केन्द्र सरकार के आगे झुकती है तो बिहार के स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी. विपक्ष का दूसरा सवाल ये है कि 'क्या केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले JDU बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग रखेगी?' दरअसल विपक्ष बार-बार JDU को इस बात की याद दिला रहा है कि 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग सीएम नीतीश कुमार करते रहे हैं, इसलिए ये मांग पूरी होने की शर्त पर ही वो मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनें'.
विपक्ष जदयू को दे रही है ये ताना
हालांकि विपक्ष की तरफ से JDU को ये ताना भी दिया जा रहा है कि 'कहीं साल 2019 की हालत तो नहीं हो जाएगी कि एक ही सीट मिलने की वजह से JDU को खाली हाथ लौटना पड़ेगा?' विपक्ष ये पूछ रहा है कि 'अगर JDU को कैबिनेट में एक ही सीट मिलती है तो मंत्री किसे बनाया जाएगा?' विपक्ष का दावा है कि अगर मंत्रिमंडल विस्तार में JDU भी शामिल होती है तो पार्टी दो फाड़ होनी तय है.
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 8 दिवसीय दिल्ली दौरा अभी और सुर्खियां बटोरने वाला है. NDA जहां इसे पूरी तरह निजी यात्रा बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे विशुद्ध सियासी दौरा साबित करने में जुटा है.