बिहार: अकेले में मिले जीतन राम मांझी व मुकेश सहनी, राज्य में सियासत हुई तेज
Advertisement
trendingNow1909963

बिहार: अकेले में मिले जीतन राम मांझी व मुकेश सहनी, राज्य में सियासत हुई तेज

Bihar Samachar: पूर्व CM जीतन राम मांझी और मंत्री मुकेश सहनी की गुपचुप तरीके से हुई मुलाकात से राजनीति गलियारों में बड़ी हलचल हो रही है. 

 

जीतन राम मांझी व मुकेश सहनी के बीच अकेले में हुई मुलाकात

Patna: बिहार में कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन चल रहा है लेकिन इस बीच NDA में शामिल दो प्रमुख सहयोगी दलों के नेताओं की मुलाकात ने NDA के अंदर सरगर्मी तेज बढ़ा दी है.
हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व CM जीतन राम मांझी और बिहार सरकार के कैबिनेट के मंत्री और VIP पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी के बीच मुलाकात हुई. राजनीतिक जानकर सहनी और मांझी की यह मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण मान रहे हैं.

ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व CM जीतन राम मांझी ने भी शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि कई बार आपातकाल के दौरान लोकसभा के कार्यकाल को संविधान के आर्टिकल 352 के तहत बढ़ा दिया गया है. कोरोना के आपात संकट को ध्यान रखते हुए नीतीश कुमार से आग्रह है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कम से कम 6 माह के लिए बढ़ा दिया जाए जिससे ग्रामीण इलाक़े का विकास कार्य चलता रहे.
 
बिहार में पंचायती राज व्यवस्था का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो जायेगा. कोरोना संकट की वजह से समय पर चुनाव नहीं हो सका.बातें यह भी सामने आ रही है की राज्य सरकार अब पंचायतों की व्यवस्था अफसरों के हाथ देने व अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है. अब सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से लगातार यह मांग की जाने लगी है कि पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाया जाए.

कुछ दिन पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की. बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने भी मांग की है. इसके बाद जीतन राम मांझी, JDU ,BJP के MLC के साथ अब तो सत्ता पक्ष की तरफ से जोरशोर से समय बढ़ाने की मांग उठने लगी है.

ये भी पढ़ें- तेजप्रताप ने सुशील मोदी पर ली चुटकी, कहा-हाफ पैंट वाले के भागते देखे जाने का पूरा आसार

इस मुद्दे पर तो सरकार में सहयोगी मांझी और मुकेश सहनी साथ-साथ आकर सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू कर दिया है.मांझी और सहनी के पास केवल चार-चार विधायक ही हैं लेकिन इन विधायकों की अहमियत इसलिए बहुत अधिक है क्‍योंकि इन्‍हें मिलाकर बमुश्किल बहुमत का आंकड़ा पूरा हो रहा है.दोनों नेता इसे समझते हैं और इसकी पूरी कीमत चाहते हैं.

मुकेश सहनी को मलाल है कि उन्‍हें विधान परिषद में पूर्ण कार्यकाल वाली सीट नहीं दी गई इसी तरह मांझी भी अपनी पार्टी के लिए एक और मंत्री पद व एमएलसी की एक सीट चाहते हैं. इसको लेकर दोनों नेता अपने-अपने तरीके से सरकार को संदेश देने की कोशिश करते रहते हैं.

जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी की पार्टी को बीजेपी जेडीयू नेता तबज्जोह नहीं दे रहे हैं. इन दोनों की तरफ से राज्यपाल कोटे वाले मनोनयन में एक-एक सीट की मांग रखी गई थी लेकिन दोनों बड़े घटक दलों ने मांझी और सहनी को तवज्जो नहीं दी. अब ऐसे में सहनी और मांझी की आज का मुलाकात का बड़ा मायने है अब ये क्या गुल खिलाएगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

 

Trending news