हैदराबाद की चन्द्रायणगुट्टा विधानसभा सीट से विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी की राह तेलंगाना चुनाव में इस बार मुश्किल हो सकती है.
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आदिलाबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हैदराबाद की चन्द्रायणगुट्टा विधानसभा सीट से विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी की राह तेलंगाना चुनाव में इस बार मुश्किल हो सकती है. छोटे ओवैसी के नाम से मशहूर अकबरुद्दीन अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहते हैं. बीजेपी इस बार सैयदा शहजादी को उनके खिलाफ मैदान में उतार सकती है.
शहजादी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी हुई हैं और हाल ही में उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने हाल ही में तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष के. लक्ष्मण समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी ज्वॉइन की थी.
शहजादी अपने तेजतर्रा भाषणों के लिए जानी जाती हैं. संघ की विचाराधारा का खुलकर समर्थन करती रही हैं. एबीवीपी में उनकी छवि फायरब्रांड छात्र नेता की रही है. शहजादी एमआईएम पार्टी के प्रमुख असुद्दीन ओवैसी का खुलकर विरोध कर चुकी हैं. इस संबंध में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के एक नेता का कहना है, "चन्द्रायणगुट्टा में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां विशिष्ट वर्ग और शिक्षित मुस्लिम रहते हैं. वे निश्चित रूप से बीजेपी का समर्थन करेंगे."
चार बार से विधायक हैं अकबरुद्दीन
अकबरुद्दीन ओवैसी पिछले चार बार से विधायक हैं. पहला चुनाव 1999 में लड़ा था. इसके बाद, 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में इसी सीट से जीत दर्ज की. अकबरुद्दीन को हराना आसान नहीं है. 2014 के चुनाव में, एमआईएम नेता को 80,393 वोट मिले थे. पिछले तीन विधानसभा चुनाव में मजलिस बचाओ तहरीक के डॉ. खयाम खान लगातार अकबरुद्दीन का सामना कर रहे हैं. हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल रही.
टीआरएस का समर्थन कर रही है एमआईएम
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में एमआईएम अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी टीआरएस का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी विधानसभा चुनाव में 5 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी. ओवैसी कई बार दोहरा चुके हैं कि टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव फिर से राज्य की कमान संभालेंगे.