Fear of Intimacy: दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे भी हैं, जो अपने दिल की बात को कहने से डरते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 30-40 प्रतिशत लोग अपनी बात जुबां पर लाने और किसी के करीब जाने से डरते हैं.
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Fear of Intimacy: वेलेंटाइन का दिन हर किसी के लिए खास होता है, क्यों कि वह इस दिन अपने प्यार का इजहार करते हैं. हालांकि कई सारे लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने दिल की बात कहने से डरते हैं. सर्चगेट पर मौजूद रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया भर में 30-40 प्रतिशत लोग अपनी बात जुबां पर लाने और किसी के करीब जाने से डरते हैं. ये अपनी चाहत और प्यार दिल में ही दबाकर रखते हैं. ऐसे लोग चाहकर भी किसी का हाथ थामने से डरते हैं, जिसे फिअर ऑफ इंटिमेसी कहा जाता है.
फिअर ऑफ इंटिमेसी का अर्थ होता है किसी के करीब जाने का डर या अंतरंग संबंध बनाने से घबराहट. यह ज्यादातर टीनएजर्स या यंग लोगों में देखने को मिलता है. हालांकि शादीशुदा जोड़े भी इस समस्या से जूझते हैं. वक्त के साथ फिअर ऑफ इंटिमेसी एंग्जाइटी, सोशल फोबिया और अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में बदल जाता है. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो फिअर ऑफ इंटिमेसी के कारण कभी शादी नहीं करते.
फिअर ऑफ इंटिमेसी के लक्षण
फिअर ऑफ इंटिमेसी की वजह
5 तरह की इंटिमेसी
शारीरिक इंटिमेसी: एक-दूसरे के शरीर को छूना, हाथ मिलाना, गले लगना, किस करना या फिजिकल रिलेशन बनाना
इमोशनल इंटिमेसी: दिल की गहराइयों में छिली फीलिंग, डर, सपने और इमोशन को बिना किसी छल-कपट के शेयर करना
इंटेलेक्चुअल इंटिमेसी: फिल्मों, किताबों से लेकर समाज और पॉलिटिक्स जैसे मुद्दों पर बेझिझक अपने नजरिए को शेयर करना
एक्सपेरिमेंटल इंटिमेसी: घर से लेकर बाहर के काम, एक्सरसाइज और दूसरी ऐसी एक्टिविटी एक साथ करना और एक दूसरे की मदद करना
स्प्रिचुअल इंटिमेसी: मन के जज्बातों, ख्यालों को पार्टनर संग शेयर करना, आध्यात्म और नैतिकता से जुड़े विषयों पर बात करना
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