Achala Saptami ke Niyam: हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी कहा जाता है. इसे रथ सप्तमी और माघी सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है.
Trending Photos
Achala Saptami 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी कहा जाता है. इसे रथ सप्तमी और माघी सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन धरती पर सूर्यदेव की किरणें पड़ी थीं. कहा जा सकता है कि अचला सप्तमी पर ही सूर्य देव ने पूरे ब्रह्मांड को अपनी रोशनी से प्रकाशित किया था. रथ सप्तमी पर पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ होता है और माना जाता है कि ऐसा करने से 7 जन्मों के पाप भी खत्म हो जाते हैं.
कब है अचला सप्तमी?
पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत आज यानी 15 फरवरी की सुबह 10 बजकर 13 बजकर हो गई है और इसका समापन कल याली 16 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा. इसके चलते 16 फरवरी को रथ सप्तमी मनाई जाएगी क्योंकि कल ही इस तिथि का सूर्योदय होगा.
शुभ मुहूर्त
अचला सप्तमी के दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 23 मिनट से 11 बजकर 11 मिनट तक है. दूसरा मुहूर्त 12 बजकर 35 मिनट से 1 बजकर 59 मिनट तक है. वहीं, स्नान का मुहूर्त सुबह 05:17 से 10:13 तक है.
अचला सप्तमी पर क्या करें और क्या न करें ?
अचला सप्तमी पर भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन नमक का दान करना काफी शुभ माना जाता है. आज के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें, अगर नदी में नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही स्नान में गंगाजल का इस्तेमाल करें. स्नान करने के बाद पीलें रंग के कपड़े पहनें. आज के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत और गजेंद्र मोक्ष और सूर्य मंत्र का जाप करना काफी लाभदायक होगा. इसके अलावा दीपदान करना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)