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नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार, फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) या आंवला एकादशी कहते हैं. चूंकि हर साल यह एकादशी होली के त्योहार से 3-4 दिन पहले आती है इसलिए इस एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत का नाम आंवला एकादशी इसीलिए है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा करने का विधान है. इस बार आमलकी एकादशी 25 मार्च गुरुवार को है.
एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता (Goddess Lakshmi) की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से व्यक्ति के सारे संकट दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस एकादशी पर आंवले के पेड़ (Amla Tree) की पूजा करने के पीछे मान्यता यह है कि भगवान विष्णु को आंवले का पेड़ बेहद प्रिय है. सृष्टि की रचना करते समय भगवान विष्णु ने आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था. इसलिए ऐसा माना जाता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ ही अन्य देवी देवताओं का भी वास है. आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है.
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इस बार बहुत से लोगों के मन में यह दुविधा थी कि आमलकी एकादशी का व्रत 24 मार्च को रखा जाए या 25 मार्च को. इसका कारण यह है कि फाल्गुन एकादशी की तिथि 24 मार्च को सुबह 10.23 हजे से शुरू हो चुकी है और एकादशी तिथि का समापन 25 मार्च गुरुवार को सुबह 09.47 बजे ही हो जाएगा. लेकिन चूंकि एकादशी का व्रत उदया तिथि के साथ रखा जाता है इसलिए आमलकी एकादशी का व्रत आज 25 मार्च को रखा जाएगा. गुरुवार और एकादशी का योग बेहद शुभ माना जा रहा है क्योंकि ये दोनों ही दिन भगवान विष्णु के बेहद प्रिय दिन हैं. एकादशी व्रत के पारण की बात करें तो यह द्वादशी तिथि में 26 मार्च को सुबह 06:18 बजे से लेकर 08:21 बजे के बीच किया जा सकता है.
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-एकादशी के दिन चावल खाना मना होता है (Dont eat Rice). जो व्यक्ति व्रत रख रहा है सिर्फ उसे ही नहीं बल्कि किसी को भी एकादशी के दिन चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
-इसके अलावा एकादशी के दिन जहां तक संभव हो सात्विक भोजन ही करना चाहिए और भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
-एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए
-मान्यता है कि एकादशी के दिन खुद पर नियंत्रण रखना चाहिए, किसी से भी लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए और किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए.
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-एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है (Donate yellow color things). चूंकि भगवान विष्णु को पीला रंग बेहद पसंद है इसलिए इस दिन केला, केसर या हल्दी का दिन करना उत्तम माना जाता है.
-शास्त्रों के नियम अनुसार अगर संभव हो तो एकादशी के दिन गंगा स्नान भी करना चाहिए. सभी बाधाएं दूर होती हैं.
-ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत और उपवास रखने से मान-सम्मान के साथ ही धन-संपदा और संतान सुख की भी प्राप्ति होती है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)