Pitru Paksha 2024: पितरों को भयंकर नाराज कर देती हैं पितृ पक्ष के दौरान ये छोटी-सी गलती, खाना बनाते समय रखें ध्यान
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Pitru Paksha 2024: पितरों को भयंकर नाराज कर देती हैं पितृ पक्ष के दौरान ये छोटी-सी गलती, खाना बनाते समय रखें ध्यान

Shradh 2024: हिंदू पंचांग के अनुसा इस साल पित- पक्ष की शुरुआत भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि यानी 17 सितंबर से होने जा रही है. इस दौरान आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, वरना आपकी जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है. 

 

pitru paksha 2024

Pitru Paksha Rules: हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से लेकर अश्विन अमावस्या तक पितृ पक्ष मनाए जाते हैं. पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान आदि करने की परंपरा है. कहते हैं कि इन दिनों में पितर धरती पर वंशजों के बीच आते हैं और उनके श्रद्धा भाव से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं. बता दें कि इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से होने जा रही है. 

इन दिनों में पितरों के निमित श्राद्ध आदि करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर वंशजों पर अपार कृपा बरसाते हैं. इससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और धन-वैभव बढ़ता है. लेकिन इस दौरान कुछ चीजों का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है वरना पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है.  

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पितृ पक्ष में न करें इस धातु का इस्तेमाल

लोहे के बर्तनों का न करें प्रयोग

भूलकर भी पितृ पक्ष के दौरान किचन में लोहे के बर्तन का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इस दौरान लोहे के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए.  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष में लोहे के बर्तन में खाना बनाने से पितृ नाराज हो जाते हैं.  दरअसल पितृपक्ष के दौरान पितृ लोहे के बर्तन में खाना बनाने से तृप्त नहीं हो पाते हैं, यही वजह है कि इस दौरान लोहे के बर्तन का इस्तेमाल ना करें.  इससे उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है. 

ये हैं जरूरी नियम

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष के 16 दिन बहुत खास होते हैं.  इसमें प्रतिदिन गाय के लिए दो रोटी जरूर निकाल लें. इसके बाद उस पर गुड़ लगाकर अपने पितृ को याद कर उन्हें दें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं. 

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- बता दें कि पितरों के आशीर्वाद के लिए इस दौरान दान करना शुभ माना जाता है.  इसलिए पितृ पक्ष में ब्राहृम्णों को भोजन जरूर कराएं.  यहां तक कि श्राद्ध की क्रिया के बाद गाय, कुत्ते और कौए को भी भोजन कराना आवश्यक माना गया है.
 
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस एक बात का और ध्यान रखें कि यदि कोई शादीशुदा व्यक्ति श्राद्ध कर रहा है तो उसके साथ उसकी पत्नी का होना भी जरूरी है. व्यक्ति कभी अकेले नहीं रहे.  इसके अलावा पितृ पक्ष में किसी भी प्रकार के सौंदर्य वर्धक साधनों का प्रयोग करने से बचें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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