Bhagwan Swami Narayan: स्वामीनारायण संस्था के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण का भव्य मंदिर मुस्लिम देश UAE की राजधानी अबू धाबी में बनकर तैयार है. 14 फरवरी को प्रधानमंत्री इस मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
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BAPS Swami Narayan Mandir Abu Dhabi: बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस संस्था) के मंदिर देश ही नहीं दुनिया के कई देशों में हैं. अब तक यह संस्था देश-दुनिया में 1,100 से ज्यादा मंदिर बना चुकी है. वहीं करीब 4 हजार केंद्र भी यह संस्था संचालित कर रही है. स्वामीनारायण संप्रदाय की इस संस्था के द्वारा बनाए गए भव्य स्वामीनारायण मंदिरों में रोजाना लाखों श्रद्धालु दर्शन करते हैं. यह संप्रदाय भगवान स्वामीनारायण को परब्रह्म मानकर उनकी उपासना करते हैं. आइए जानते हैं कि भगवान स्वामीनारायण कौन थे और उनके द्वारा स्थापित संप्रदाय किस सिद्धांत पर चलता है.
यूपी में हुआ था जन्म
स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण का जन्म 3 अप्रैल 1781 को उत्तर प्रदेश में अयोध्या के पास छपिया गांव में हुआ था. उनका जन्म रामनवमी के दिन हुआ था. उनका नाम घनश्याम पांडे था. बचपन से ही वह विलक्षण थे. 5 साल की आयु में उन्होंने पढ़ना-लिखना शुरू कर दिया था और 8 साल में जनेऊ संस्कार होते ही उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन करना शुरू कर दिया. बहुत कम समय में उन्होंने कई शास्त्रों का अध्ययन कर लिया था. जल्द ही वे घर छोड़कर देश भ्रमण पर निकल गए. वे लोगों से मिलते सत्संग करते, प्रवचन देते. उनकी ख्याति तेजी से फैलने लगी और उनके अनुयायी उन्हें नीलकंठवर्णी कहने लगे.
स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना
देश के विभिन्न हिस्सों में ज्ञान और अध्यात्म की अलख जगाने के दौरान वे गुजरात भी पहुंचे. यहीं से उन्होंने स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना की. स्वामीनारायण संप्रदाय और उसके अनुयायियों के जरिए उन्होंने समाज की कई कुरीतियों को दूर करने में बड़ा योगदान दिया. साथ ही इस सिद्धांत पर आगे बढ़े कि 'दूसरों के सुख में ही हमारा सुख है.' इसके अलावा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बड़े पैमाने पर राहत कार्य भी चलाए. उनके इस सेवाभाव के कारण ही लोग उन्हें भगवान का अवतार मानने लगे और उन्हें भगवान स्वामीनारायण कहने लगे.
फिर बनी BAPS संस्था
भगवान स्वामीनारायण ने अपने शिष्यों को अध्यात्मिक रूप से तैयार किया. उन्हें दार्शनिक सिद्वांतों, नैतिक मूल्यों, अनुष्ठान आदि की शिक्षा दी. स्वामीनारायण संप्रदाय में कई गुरु जिन्होंने भगवान स्वामीनारायण की आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाया. ऐसे ही भगवान स्वामीनारायण के तीसरे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी शास्त्री जी महाराज ने 1907 में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की स्थापना की. जिसके द्वारा दुनिया भर में कई मंदिर बनाए गए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)