Buddha Purnima 2019: आज ही के दिन हुआ था भगवान बुद्ध का जन्म, जानें क्या हैं इस दिन से जुड़ी मान्यताएं
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Buddha Purnima 2019: आज ही के दिन हुआ था भगवान बुद्ध का जन्म, जानें क्या हैं इस दिन से जुड़ी मान्यताएं

बोद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन अपने घरों को सजाते हैं और प्रार्थनाएं करते हैं. साथ ही दान करके इस तिथि को मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मानसिक और शारीरिक संतापों से मुक्ति मिलती है.

फोटो साभारः twitter

नई दिल्लीः हिंदू और बोद्ध दोनों ही धर्मों में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि इसी दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी के चलते इस दिन को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. मान्यता है कि महात्मा बुद्ध भगवान विष्णु के 9वें अवतार थे, यही कारण है कि आज के दिन हिंदू धर्म के लोग भी बड़े धूम-धाम से मनाते हैं. इस दिन दान-पुण्य और पूजा का विशेष महत्व है. बोद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन अपने घरों को सजाते हैं और प्रार्थनाएं करते हैं. साथ ही दान करके इस तिथि को मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मानसिक और शारीरिक संतापों से मुक्ति मिलती है.

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर जनता को बुद्ध पूर्णिमा की बधाई दी है और कहा कि 'सभी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. सत्य, अहिंसा, दया, करुणा और शांति के दूत भगवान बुद्ध के महान संदेश देशवासियों को सदा प्रेरित करते रहेंगे.'

बुद्ध पूर्णिमा मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 18 मई 2019 की सुबह 04 बजकर 10 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्‍त- 19 मई 2019 की सुबह 02 बजकर 41 मिनट तक

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बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान विष्णु के 9वें अवतार भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. यही कारण है कि इस दिन का हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों में अत्यधिक महत्व है. पुराणों में उल्लेख है कि इस दिन किए दान से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है और जो कोई भी व्यक्ति इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करता है उसके सभी मानसिक और शारीरिक दुख दूर हो जाते हैं.

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इस तिथि पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना जाता है. इसलिए देश भर से श्रद्धालू पवित्र नदियों में स्नान करने पहुंचते हैं. बुद्ध पूर्णिमा के पर्व में काशी के घाटों में बड़ी संख्या में श्रधालु गंगा नदी में स्नान के उमड़ रहे हैं. वाराणसी से 28 किमी की दूरी पर सारनाथ में भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद पहला उपदेश दिया था. ऐसे में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु वाराणसी पहुंचते हैं और यहां के अस्सी घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहे हैं.

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बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार हर की पौड़ी पर भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचे रहे हैं. आज का दिन भगवान बुद्ध के धरती पर अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है. सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 6 जोन और 18 सेक्टर में बांटा गया है. बम निरोधक दस्ते के साथ ही जल पुलिस भी तैनात की गई है. भीड़ को देखते हुए हाइवे पर भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है.

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