Chanakya Niti for Success: आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखे गए नातिशास्त्र में दान से जुड़ी कई ऐसी बातों का वर्णन किया गया है जिनको जीवन में अपनाकर व्यक्ति सफलता के शिखर को प्राप्त कर सकता है. चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में वर्णित दान के नियम.
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Chanakya Niti in Hindi: सनातन धर्म में दान को बेहद शुभ कार्य माना गया है. इसलिए हिंदू धर्म में दान की बेहद महत्ता है. जो व्यक्ति जरूरत मंदों को दान करता है इससे न सिर्फ दूसरों का भला होता है बल्कि दान करने वाला भी समाज में मान-सम्मान का पात्र बनता है. ऐसे में आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखे गए नातिशास्त्र में दान से जुड़ी कई ऐसी बातों का वर्णन किया गया है जिनको जीवन में अपनाकर व्यक्ति सफलता के शिखर को प्राप्त कर सकता है. चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में वर्णित दान के नियम.
दान-पुण्य करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी किसी भी व्यक्ति को धर्म-कर्म के कामों में पैसा खर्च करने में न तो कंजूसी करनी चाहिए और न ही हिचकिचाना चाहिए. आचार्य के मुताबिक हर इंसान को अपने जीवन काल में किसी मंदिर या तीर्थ स्थान पर दान अवश्य देना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में इसके पोजिटिव परिणाम देखने को मिलते हैं और इंसान को मन की संतुष्टि भी प्राप्त होती है.
गरीबों को जरूर दें दान
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी किसी व्यक्ति को बेसहारा या किसी जरूरतमंद की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए. उनको जरूरत की चीजें हमेशा दान करते रहना चाहिए. अगर आप किसी गरीब पीड़ित व्यक्ति का इलाज कराते हैं तो इससे समाज में आपके मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है.
विद्या का दान करें
हिंदू धर्म में विद्या का दान सर्वोपरि माना गया है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक विघा दान, भू दान, वस्त्र दान, अन्न दान और गो दान सबसे सर्वोत्तम श्रेणी के माने जाते हैं. ये एक ऐसा दान होता है जोकि कभी खत्म नहीं होता. विद्या का दान करने से इंसान का मानसिक विकास होता है जिससे वो जीवन की हर बाधा करने में सक्षम बन जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)