Trending Photos
नई दिल्ली: 13 अप्रैल मंगलवार से नौ दिनों तक चलने वाला शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) जिसे बासंतिक नवरात्रि (Basantik Navratri) भी कहा जाता है शुरू हो रहा है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों (Nine forms of goddess durga) की पूजा होती है. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है. कौन हैं मां शैलपुत्री, कैसा है उनका स्वरूप, माता की पूजा का महत्व क्या है और किस विधि से करनी चाहिए शैलपुत्री देवी की पूजा, इस बारे में यहां जानें.
मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री (Maa Shailputri) हैं. पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा. माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ था, इसलिए ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता आती है.
ये भी पढ़ें- चैत्र नवरात्रि पर 90 साल बाद बन रहा है विशेष संयोग, जानें कलश स्थापना क्यों करते हैं
मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री को सौभाग्य और शांति की देवी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा से सभी सुख प्राप्त होते हैं और मनोवांछित फल की भी प्राप्ति होती है. साथ ही मां शैलपुत्री हर तरह के डर और भय को भी दूर करती हैं और देवी मां की कृपा से व्यक्ति को यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है. माता के इस रूप में उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है. मां शैलपुत्री नंदी बैल पर सवार होकर संपूर्ण हिमालय पर विराजमान मानी जाती हैं. इसलिए उन्हें वृषोरूढ़ा भी कहा जाता है.
ये भी पढ़ें- चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां को चढ़ाएं ये फूल, पूरी होगी हर इच्छा
देखें LIVE TV -
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना (Kalash Sthapna) करके मां दुर्गा की पूजा शुरू करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें. उन्हें लाल फूल, सिंदूर, अक्षत, धूप आदि चढ़ाएं. फिर माता के मंत्रों का उच्चारण करें, दुर्गा चालीसा का पाठ करें, पूजा के अंत में गाय के घी के दीपक या कपूर से आरती करें. मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद प्रिय है इसलिए उन्हें सफेद रंग की बर्फी का भोग लगाएं. आप चाहें तो सफेद रंग के फूल भी अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद भोग लगे फल और मिठाई को पूजा के बाद प्रसाद के रूप में लोगों में बांटें. जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए एक पान के पत्ते पर माता को लौंग, सुपारी और मिश्री रखकर भी अर्पित करें.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)