Budhwar Remedy: बुधवार को किया इस स्तोत्र का पाठ दुख-संकटों को घर में नहीं करने देता प्रवेश, शांति से कटता है जीवन
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Budhwar Remedy: बुधवार को किया इस स्तोत्र का पाठ दुख-संकटों को घर में नहीं करने देता प्रवेश, शांति से कटता है जीवन

Ganesh Stotra: बुधवार का दिन विघनहर्ता गणेश जी को समर्पित है. इस दिन संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि इसका पाठ करने से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और संकटों का नाश होता है. 

 

ganesh stotra

Budhwar Ke Upay: सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित हैं. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. हिंदू शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूजनीय और विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है. इस दिन गणेश जी की पूजा विधि-विधा के साथ करने और कुछ ज्योतिष उपाय करने से भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्रद्धा के साथ पूजन करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और घर में शुभता आती है. 

कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति को नौकरी-व्यापार में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता. मान्यता है कि जिन लोगों पर गणेश जी की कृपा होती है, उनके जीवन में सकंटों का नाश होता है. और व्यक्ति के बिगड़े काम बनने लगते हैं. 

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अगर आप भी गणेश जी की कृपा का पात्र बनना चाहते हैं, तो नियमित रूप से संकटमोचन गणेश स्तोत्र का पाठ करें. मान्यता है कि ये गणेश जी को बेहद प्रिय है. इसे करने से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत होता है और बिगड़े काम बनने लगते हैं. अगर आप इसे नियमित रूप से नहीं कर सकते, तो बुधवार के दिन इसे 11 बार अवश्य पढ़ें. इस पाठ को करने से पहले भगवान गणेश को सिंदूर, घी का दीपक, अक्षत, पुष्प, दूर्वा और नैवेद्य आदि अर्पित करें. 

संकटमोचन गणेश स्तोत्र

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् भक्तावासं स्मरेनित्यम आयुष्कामार्थ सिध्दये

प्रथमं वक्रतुण्डं च एकदन्तं द्वितीयकम् तृतीयं कृष्णपिङगाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धुम्रवर्णं तथाषष्टम

नवमं भालचंद्रं च दशमं तु विनायकम् एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम

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द्वादशेतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर: न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिध्दीकर प्रभो

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मोक्षार्थी लभते गतिम

जपेद्गणपतिस्तोत्रं षडभिर्मासे फलं लभेत् संवत्सरेण सिध्दीं च लभते नात्र संशय:

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: 
   
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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