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Garuda purana: हिंदू धर्म के सभी पुराणों में से एक गरुण पुराण को सबसे महत्वपूर्ण स्थान हासिल है. गरुण पुराण के अधिपति भगवान विष्णु को माना जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यदि व्यक्ति गरुण पुराण के पाठ का अध्ययन करता या फिर सुनता है तो उसे मोक्ष और भोग की प्राप्ति होती है.
वैष्णव संप्रदाय से संबद्धित इस ग्रंथ में यह कहा गया है कि व्यक्ति को ऐसे घर में भोजन नहीं करना चाहिए जहां उसका लाभ ना हो साथ ही उसे कई प्रकार की परेशानी का भी सामना करना पड़े. दरअसल ऐसा करने से व्यक्ति को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. आइए इसके बारे में गरुण पुराण में विस्तार से जानते हैं कि किन किन घरों में भोजन करना नुकसान पहुंचा सकता है.
सूदखोर के घर ना करें भोजन
गरुण पुराण के अनुसार कभी भी गलती से व्यक्ति को किसी सूदखोर के घर में भोजन नहीं करना चाहिए. दरअसल ऐसे लोग दूसरों को केवल दुख देते हैं. इसलिए ऐसे घर में भोजन करने से बचें.
गंभीर रोग से ग्रसित लोगों के यहां ना करें भोजन
गरुण पुराण में यह भी बताया गया है कि कभी भी किसी लंबी रोग या फिर गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों के यहां भोजन नहीं करना चाहिए. दरअसल ऐसा करने से सामने वाले व्यक्ति को भी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए उस पर ऐसे लोगों के यहां भोजन करना खतरे से खाली नहीं है.
चुगलखोर के यहां ना करें भोजन
गरुण पुराण के अनुसार गलती से भी चुगलखोरी जो करते हैं उनके यहां भोजन करने नहीं जाना चाहिए. दरअसल ऐसे लोग के यहां भोजन करने से वह सामने वाले से ऐसी चुगलखोरी कर सकते हैं जो उसे लंबे समय तक परेशान कर सकती है. यह छोटी से चुगलखोर व्यक्ति की परेशानी का मुख्य बिंदु बन सकती है.
कष्ट पहुंचाने वाले के यहां ना करें भोजन
गलती से भी गरुण पुराण के अनुसार उन लोगों के यहां भोजन नहीं करना चाहिए जो दूसरों को केवल कष्ट देना जानता हो. इसलिए ऐसे घरों में गलती से भी आवेदन आने पर भी भोजन करने ना जाए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)