गीता जयंती (Geeta Jayanti 2020) 25 दिसंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी. गीता जयंती के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. ग्रंथों में सिर्फ गीता (Gita) की ही जयंती मनाई जाती है.
Trending Photos
नई दिल्ली. इस साल गीता जयंती (Geeta Jayanti 2020) 25 दिसंबर यानी शुक्रवार को मनाई जाएगी. गीता जयंती को हर साल (Geeta Jayanti 2020) मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. सनातन धर्म मे गीता जयंती (Geeta Jayanti) का विशेष महत्व है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन महाभारत (Mahabharat) युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने अर्जुन (Arjun) को गीता (Gita) का उपदेश दिया था. हिंदू धर्म में गीता का बहुत महत्व है. गीता को हिंदू धर्म का सार ग्रंथ माना जाता है.
श्रीमद्भागवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं. इनमें जीवन से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर मौजूद हैं. इसमें कर्म, धर्म, जन्म, मृत्यु, सत्य, असत्य सभी के बारे में विस्तार से बताया गया है. श्रीमद्भागवत गीता में बताई गई बातों को अपनाकर मनुष्य अपना जीवन सफल बना सकता है.
यह भी पढ़ें- Aaj Ka Panchang 22 December 2020: आज बजरंगबली की पूजा से दूर होंगे सारे दुख, जानें तिथि; शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहुकाल
गीता जयंती (Geeta Jayanti 2020) के खास अवसर पर महाग्रंथ यानी गीता, भगवान श्रीकृष्ण और वेद व्यासजी की पूजा की जाती है. दुनिया के किसी भी धर्म-संप्रदाय के किसी भी ग्रंथ का जन्मदिन नहीं मनाया जाता है. सिर्फ श्रीमद्भागवत गीता की जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि अन्य ग्रंथ इंसानों ने लिखे या संकलित किए हैं, जबकि गीता (Gita) का जन्म स्वयं श्रीभगवान के मुंह से हुआ है.
भगवान श्री कृष्ण ने गीता (Geeta) में कहा कि शरीर नश्वर है और मृत्यु अटल सत्य है. शरीर मिट जाता है लेकिन आत्मा अमर है. इसे कोई अग्नि जला नहीं सकती है और न ही पानी गीला कर सकता है. आत्मा एक शरीर छोड़ती है तो दूसरे जीव में प्रवेश कर जाती है.
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि मनुष्य जैसे कर्म करता है, उसे उसी के अनुसार फल मिलता है. अच्छे कर्म करने पर अच्छा तो बुरे कर्म करने पर बुरे फल की प्राप्ति होती है. इसलिए मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म ही करने चाहिए.
यह भी पढ़ें- Mokshada Ekadashi 2020: इस वजह से एकादशी पर नहीं खाए जाते हैं चावल, लगता है पाप
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि 84 लाख योनियों के बाद इंसान का जीवन मिलता है. इसलिए अगर कोई मनुष्य परमात्मा की प्राप्ति चाहता है तो उसे अच्छे कार्य करने चाहिए.
धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें