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नई दिल्ली: वैसे तो हिंदू पंचांग (Panchang) के पहले महीने चैत्र की शुरुआत होली के दिन से ही हो चुकी है. लेकिन हिंदू नववर्ष और नव संवत्सर (Hindi new year and nav samvatsar) की शुरुआत हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है जो इस साल 13 अप्रैल मंगलवार को है. उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक और ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी की मानें तो प्रमादी नाम के संवत्सर 2077 का समापन चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को यानी 12 अप्रैल 2021 सोमवार को हो रहा है. इसके बाद "आनंद" नाम के नव संवत्सर 2078 की शुरुआत मंगलवार 13 अप्रैल 2021 मंगलवार से होगी.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी (Lord Brahma) ने चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही सृष्टि की रचना की थी (Created the world). इसी को आधार मानकर इसी दिन से नए साल और नए संवत्सर की शुरुआत मानी जाती है. चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को जो दिन या वार होता वही उस नए संवत्सर का राजा होता है और सूर्य जिस दिन मेष राशि में प्रवेश करते हैं वह दिन नए संवत्सर का मंत्री होता है. आनंद नाम के इस नव संवत्सर 2078 (Nav samvatsar 2078 is anand) में राजा और मंत्री दोनों का पद मंगल (Mangal) के पास है क्योंकि नए साल का पहला दिन मंगलवार है.
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नया संवत्सर बहुत अच्छा नहीं बल्कि सामान्य फल देने वाला होगा. जनता और समाज में आक्रोश बना रहेगा, राजनीतिक दलों के साथ ही कई संस्थाओं के काम जनता के हित में होंगे लेकिन आम लोगों में असंतुष्टि बनी रहेगी. शासन तंत्र अपना कार्य कर पाने में सफल होंगे और धार्मिक क्रियाकलापों में सामान्य वृद्धि होगी. दुनिया समेत भारत भी वर्तमान समय में कोरोना त्रासदी से पूरी तरह से मुक्त होता नजर नहीं आ रहा है (No relief from corona). समस्याएं और विकट होती दिख रही हैं.
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भारत में अचानक प्राकृतिक आपदाओं का दुष्प्रभाव दिखेगा (Natural calamity). भीषण रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ सकती है, ग्लेशियर के तेजी से पिघलने की वजह से समुद्र किनारे बसे शहरों के लिए खतरा बढ़ेगा. गांव, शहर, जंगलों में आग का भयंकर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है. इस संवत्सर में हथियारों का व्यापार और इस्तेमाल बढ़ेगा और युद्ध जैसी स्थितियां अचानक बढ़ सकती हैं. बारिश की कमी (Less rain) सहित अनेकों प्राकृतिक कारणों से खेती और फसलें प्रभावित होंगी.
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आम जनता सरकार के तौर तरीकों से दुःखी रहेगी. इस साल छूआछूत, बुखार, पित्त, गैस्ट्रिक, विषैले पदार्थों आदि का दुष्प्रभाव बढ़ेगा. इस साल आतंकवादी घटनाएं, अग्निकांड की घटनाएं, पड़ोसियों से तनाव, सीमा पर युद्ध जैसी स्थितियां देश की जनता को विचलित करेंगी. टैक्स बढ़ सकता है, शेयर बाजार लाभ का सौदा नहीं रहेगा, अस्थिरता के योग बन रह सकते हैं, बैंको की स्थिति खराब हो सकती है, देश का खर्च बढ़ेगा, अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार होगा, केंद्र सरकार देशहित में महत्वपूर्ण कार्यों के लिए नियम कानून बनाएगी. नए संवत्सर में अचानक सत्ता और गैर सत्ता पर आसीन राजनीतिक व्यक्तित्व, अन्य क्षेत्रों के नामचीन लोगों को नुकसान हो सकता है.
-उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक और ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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