Prayer Rule: नियम से की गई हर प्रार्थना होती है स्वीकार, जो कराती है ईश्वर का अहसास; कम लोग ही जानते हैं इसका तरीका
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Prayer Rule: नियम से की गई हर प्रार्थना होती है स्वीकार, जो कराती है ईश्वर का अहसास; कम लोग ही जानते हैं इसका तरीका

Perspective on Prayer: ईश्वर से अपने दिल की बात कहना ही प्रार्थना है. प्रार्थना से व्यक्ति इच्छापूर्ति का प्रयास करता है. तंत्र, मंत्र, ध्यान और जप भी प्रार्थना का ही एक रूप है. प्रार्थना हर स्तर पर काम करती है. कोई प्रार्थना एक साथ कई लोग करें तब वो ज्यादा प्रभावशाली बन जाती है.

प्रार्थना कब स्वीकार और क्यों अस्वीकार होती है फोटो: सोशल मीडिया

Prayer rules and Importance: ईश्वर तक पहुंचने के कई रास्ते हैं, इन्ही रास्तों में से एक है प्रार्थना. कहते हैं सच्चे मन और पूरी भक्ति से की गई प्रार्थना जरूर स्वीकार होती है. हर इंसान अपने अपने तरीके से ईश्वर से जुड़ने की कोशिश करता है. पर कुछ ही लोग ईश्वर की अनुभूति कर पाते हैं. ऐसा क्यों होता है. जब ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए सभी प्रार्थना  करते हैं तो किसी की प्रार्थना क्यों बेअसर रह जाती है. आज हम आपको यही बताएंगे कि क्यों कुछ लोगों की प्रार्थना स्वीकार हो जाती है, जबकि कुछ लोगों की प्रार्थना का फल उन्हें नहीं मिल पाता है.

प्रार्थना क्या है?

परआत्मा से आत्मा के साक्षात्कार का सबसे सरल जरिया प्रार्थना है. कहते हैं जीवन में प्रगति के लिए और विनम्रता का गुण विकसित करने के लिए प्रतिदिन प्रार्थना करनी ही चाहिए. पर सच तो ये है कि ज्यादातर लोग बुरे दौर के दौरान ही उस परम शक्ति ईश्वर को याद करते है और तभी करते हैं कष्टों के भगसागर से पार पाने की प्रार्थना. प्रार्थना दरअसल महालाभ पाने का एक साधन नहीं है. बल्कि ये ईश्वरीय शक्तियों के संपंर्क मे आने का माध्यम है.

प्रार्थना के चमत्कारी लाभ 

कहते हैं नियमित प्रार्थना करने का लाभ चमत्कारी होता है. प्रार्थना करने और उससे मिलने वाले लाभ को लेकर जो बात सबसे हैरान करने वाली है वो ये है कि ईश्वर किसी-किसी की ही प्रार्थना सुनते हैं तो आखिर कुछ लोगों की प्रार्थना क्यों रह जाती है बेअसर. कब भक्ति पूर्ण की गई प्रार्थना दिखाती है अपना असर और प्रार्थना करने के सही तरीक को विस्तार से बताए उससे पहले जानिए कि आखिर प्रार्थना का सही अर्थ क्या होता है?

'प्रार्थना' कैसे होती है प्रभावशाली?

ईश्वर से अपने दिल की बात कहना ही प्रार्थना है. प्रार्थना से व्यक्ति अपने या दूसरों की इच्छापूर्ति का प्रयास करता है. तंत्र, मंत्र, ध्यान और जप भी प्रार्थना का ही एक रूप है. प्रार्थना छोटे स्तर पर काम करती है. प्रार्थना की वजह से प्रकृति में बदलाव आते हैं. कोई प्रार्थना एक साथ कई लोग करें तब वो ज्यादा प्रभावशाली बन जाती है. एक साथ प्रार्थना करने पर प्रकृति में तेजी से बदलाव होता है.

'प्रार्थना' के नियम

प्रार्थना की शक्ति से निकलने वाली ऊर्जा इंसान की पूरी जिंदगी पर प्रभाव डालता है. तभी तो कहा गया है कि किसी के अहित को लेकर प्रार्थना नहीं करनी चाहिए. हालांकि कई लोगों को ऐसे लगता है कि वो ईश्वर से प्रार्थना तो खूब करते हैं पर उनकी प्रार्थनाएं सुनी नहीं जा रही है. ऐसे में प्रार्थना की शक्ति पर कई लोग सवाल भी उठाने लगते हैं. दरअसल प्रार्थना की शक्ति हमेशा से ही चमत्कार दिखाती आई है.

ऋषियों मुनियों द्वारा प्रलय की स्थिति में की गई प्रार्थना पर तो भगवान खुद सशरीर धरती पर चले आते थे. पर हां ऐसा संभव है कि प्रार्थना हर बार अपना असर नहीं दिखा पाती है. ऐसे में इसके पीछे कुछ ऐसे कारण होते हैं जिन्हें समझना जरूरी है.

प्रार्थना कब नाकाम हो जाती हैं?  

कब प्रार्थना असर नहीं दिखाती? आइए इसकी कुछ बड़ी वजहें बताते हैं. आहार और व्यवहार पर नियंत्रण न रखने से प्रार्थना नाकाम होती है. माता-पिता का सम्मान न करने से प्रार्थना असफल होती है. प्रार्थना से आपका ही नुकसान हो रहा हो तो भी प्रार्थना नाकाम हो जाती है. इसी तरह से अगर प्रार्थना अतार्किक हो तब भी वो असफल हो जाती है.

तो अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपकी प्रार्थनाएं कबूल नहीं हो रही हैं या फिर प्रार्थना करने का फायदा नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि आप सही तरीके से प्रार्थना न कर रहे हों.

किस तरह से की गई प्रार्थना होती है स्वीकार?

अब सवाल ये है कि किस तरह से की गई प्रार्थना होती है स्वीकार? तो चलिए बताते हैं वो नियम जिसके अनुसार की गई प्रार्थना होती है असरदार.

सही तरीके से की गई प्रार्थना जीवन में चमत्कारी बदलाव लाती है.
प्रार्थना सरल और साफ तरीके से की जानी चाहिए.
आसानी से बोली जाने वाली प्रार्थना करनी चाहिए.
शांत वातावरण में प्रार्थना करना सबसे बढ़िया होता है.
खासतौर से मध्य रात्रि में प्रार्थना जल्दी स्वीकार हो जाती है.
प्रार्थना को रोज़ एक ही समय पर करना अच्छा होता है.
दूसरे के नुकसान के उद्देश्य से या फिर अतार्किक प्रार्थना मत करें.
दूसरे के लिए प्रार्थना करने से पहले उसके बारे में सोचें फिर प्रार्थना शुरू करें.

पूरी होगी हर मनोकामना

प्रार्थना की शक्ति कब अपना असर दिखाती है और कब इस प्रार्थना को ईश्वर सुनकर उसके पूरा करते हैं इसके नियम तो आपने सही तरह से समझ लिए हैं. अगर आप प्रतिदिन प्रार्थना इन नियमों को समझते हुए करेंगे तो यकीन मानिए आपकी प्रार्थना चाहे जो हो. चाहे आप धन संपत्ति चाहते हों. संतान की इच्छा रखते हों या फिर अच्छी नौकरी चाहते हों सभी तरह की इच्छाएं जरूरी पूरी होंगी. बस याद रखिए कि प्रार्थना अपने लाभ के लिए हो, तार्किक हो और पर उसमें किसी का अहित ना छिपा हो. तभी आपकी प्रार्थना होगी स्वीकार और परम शक्ति करेगी आपका उद्धार.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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