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नई दिल्ली: शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि वे सभी को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. यही कारण है ज्यादातर लोग शनिदेव (Lord Shani) के नाम से भी डरते हैं और उन्हें प्रसन्न रखने की कोशिश करते हैं. साथ ही अगर शनिदेव की कृपा बनी रहे तो बिगड़े काम भी बन जाते हैं और व्यक्ति को सफलता मिलती है.
शनिवार को हनुमान जी (Lord Hanuman) के साथ-साथ शनिदेव का भी दिन होता है और इस दिन शनि देवता की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में अगर पूजा सही विधि-विधान के साथ की जाए तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद और कृपादृष्टि प्राप्त होती है. ऐसे में शनिदेव की पूजा करने का सही तरीका क्या है और किन सावधानियां (Precautions) का पालन करना चाहिए, इस बारे में यहां जानें-
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1. शनिवार (Saturday) के दिन सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
2. शनिवार को शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीप जलाएं और यह दीप उनकी मूर्ति के आगे नहीं बल्कि मंदिर में रखी उनकी शिला के सामने रखें.
3. अगर घर के आसपास शनि मंदिर ना हो तो पीपल के पेड़ के आगे भी सरसों के तेल का दीया जला सकते हैं. आप चाहें तो शनिदेव की पूजा पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर भी कर सकते हैं.
4. शनिवार के दिन शनिदेव को तेल के साथ ही काला तिल, काली उड़द या कोई और काली वस्तु भी चढ़ा सकते हैं.
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5. शनिदेव को तेल चढ़ाने और दीप जलाने के बाद इस शनि मंत्र का जाप करें- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: आप चाहें तो शनि चालिसा का भी जाप कर सकते हैं.
6. शनिदेव की पूजा के बाद हनुमान जी की भी पूजा करें.
7. शनिदेव की पूजा करते वक्त आप जिस आसन पर बैठे हों वह काले या नीले रंग का होना चाहिए.
8. शनिदेव की पूजा में हमेशा सरसों का तेल या तिल के तेल का दीया ही जलाएं.