Purdah System: पर्दे का फर्ज सिर्फ महिलाओं के बुर्का पहनने से नहीं होता पूरा, इस्लाम में मर्दों को है ये सख्त हिदायत
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Purdah System: पर्दे का फर्ज सिर्फ महिलाओं के बुर्का पहनने से नहीं होता पूरा, इस्लाम में मर्दों को है ये सख्त हिदायत

Islam Teachings: पर्दे को लेकर हुक्म इस्लाम (Islam) में सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं है. पुरुषों के लिए भी कई हिदायत इसमें दी गई हैं. इनके बारे में जान लेना जरूरी है.

Purdah System: पर्दे का फर्ज सिर्फ महिलाओं के बुर्का पहनने से नहीं होता पूरा, इस्लाम में मर्दों को है ये सख्त हिदायत

Purdah System Islam: इस्लाम (Islam) में महिलाओं को पर्दे की सख्त हिदायत दी गई है. कुरान (Quran) में ऐसी कई आयत हैं जिनमें महिलाओं और मर्दों को पर्दे से जुड़े निर्देश दिया गए हैं. इसके पीछे दलील है कि अश्लीलता और अनैतिकता को रोकने के लिए ऐसा किया गया. कहा गया कि महिलाएं जब जरूरत हो तभी घर से बाहर निकलें. और जब भी वह घर से बाहर जाएं तो बुर्का पहन लें या अपने बदन को चादर से ढक लें. अपने काल में पैगंबर मोहम्मद ने पर्दा नहीं करने वालों को सख्त सजा सुनाई. इसके अलावा कुरान में इसको लेकर दिए निर्देशों के बारे में भी बताया. आइए जानते हैं कि कुरान में पर्दे के सिस्टम पर कुरान में क्या बताया गया है?

कुरान में पर्दे का हुक्म

कुरान में बताया गया है कि 'हे पैगंबर (स.)! अपनी बीवियों और मुसलमानों की औरतों से कह दो कि वे अपनी चादरों को अपने ऊपर थोड़ा लटका लें, मुमकिन है कि वह पहचानी जाएं ताकि उन्हें कोई नहीं सताए, और अल्लाह बड़ा बख्शने वाला है रहम करने वाला है. (अल-अहजाब: 59)'

मर्दों के लिए कही गई ये बात

गौरतलब है कि पर्दे की शुरुआत पैगंबर मोहम्मद के घर से हुई. बाद में आम लोगों को भी आदेश दिया गया कि वे पैगंबर के घरों में बिना अनुमति के प्रवेश ना करें. अगर वो मोमिनों की मांओं से कोई चीज लेना चाहते हैं, तो वो घूंघट के पीछे से उसे लें.

इस आयत में है जिक्र

कुरान में इसके बारे में कहा गया है कि 'और जब तुम उनसे कुछ मांगो तो पर्दे के पीछे से मांगो, ये तुम्हारे दिल और उनके दिलों के लिए ज्यादा पाक है. (अल-अहजाब: 53)'

बताया गया है कि पर्दा गैर मर्द और औरतों के बीच दिल की पाकीजगी के लिए है. इसीलिए कुरान में पर्दे का हुक्म महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए हैं. कुरान में फरमाया गया है कि 'मुस्लिम औरतों से कहो कि अपनी निगाहें नीची रखें और अपनी अस्मत में फर्क नहीं आने दें. अपनी जीनत को जाहिर न करें सिवाय उसके जो जाहिर है और अपनी गिरेबानों पर अपनी ओढ़नी डालें और अपनी आराइश को किसी के सामने जाहिर न करें, सिवाय अपने शौहर के. (सुरह अलनूर:3)

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