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Jagannath Puri Yatra: पुरी के श्री जगन्नात जी 51 साल बाद 15 नहीं 13 दिन में होंगे स्वस्थ,53 वर्ष के बाद 15 दिन के बदले 13 दिन में ही महाप्रभु का अणवसर खत्म हो रहा है. ओडिशा स्थित पुरी जगन्नाथ मंदिर की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए अबकी वर्ष एक विरल संयोग है. 53 वर्ष के बाद 15 दिन के बदले 13 दिन में ही महाप्रभु का अणवसर खत्म हो रहा है. एक ही दिन नेत्र उत्सव, नवयौवन दर्शन तथा श्री गुंडिचा यात्रा संपन्न की जाएगी.
देव स्नान पूर्णिमा पर होता है स्नान
देव स्नान पूर्णिमा के दिन 108 घड़ा दिव्य सुगंधित जल से महाप्रभु स्नान करते हैं। इसके बाद महाप्रभु को 15 दिनों के लिए बुखार आ जाता है. यह परंपरा हर साल निभाई जाती है.इस साल महाप्रभु 13 दिन में ही स्वस्थ हो जाएंगे. ऐसे में इस वर्ष की रथयात्रा को अनुशासित ढंग से संपन्न करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने छत्तीसा नियोग का सहयोग मांगा है. रथयात्रा की नीति संपन्न करने के लिए कम समय मिल रहा है. मुख्यमंत्री ने छत्तीसा नियोग के सदस्यों से अनुशासित ढंग से इसे संपन्न करने के लिए अनुरोध किया है.
जानें भगवान जगन्नाथ को क्यों आता है बुखार?
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान श्री कृष्ण अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर पुरी जाते हैं. वहां वे स्नान करते हैं, जिसके बाद तीनों भाई-बहनों को बुखार आ जाता है और वे बीमार हो जाते हैं. उस समय उन तीनों के इलाज के लिए राज वैद्य को बुलाया गया और उनके इलाज से वे 15 दिनों में बिल्कुल ठीक हो गए. बुखार से ठीक होने के बाद जगन्नाथ भगवान भ्रमण के लिए निकलते हैं. सबसे खास बात यह है कि आज भी जगन्नाथ यात्रा शुरू होने से पहले जगन्नाथ जी के बीमार होने की परंपरा को उसी प्रकार निभाया जाता है.