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नई दिल्ली: दुनिया का हर व्यक्ति नींद में कभी न कभी सपने (Dreams) जरूर देखता है, वो बात अलग है कि किसी को हर रात सपने (Night Dreams) आते हैं तो किसी को कभी-कभार सपने आते हैं. सपने आने के पीछे धर्म, मनोविज्ञान (Psychological), आयुर्वेद (Ayurveda), ज्योतिष (Astrology), स्वप्न शास्त्र (Swapna Shastra) आदि में कई कारण बताए गए हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि जरूरी नहीं है कि हर सपना अच्छा या बुरा फल दे. बल्कि कुछ सपने केवल हमारे विचारों, रोजमर्रा की जिंदगी की झलक दिखाने वाले भी होते हैं.
धर्म, ज्योतिष, स्वप्न शास्त्र में भविष्य के बारे में जानने के लिए सपनों को बहुत अहम माना गया है क्योंकि ये सपने आने वाले समय होने वाले अच्छे-बुरे घटनाक्रमों का संकेत देते हैं. हालांकि कई सपने हमारी दिनचर्या से जुड़े कामों के कारण आते हैं. इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि पूरे दिन में हमने जो सुना, सोचा, महसूस किया, किसी चीज की इच्छा की या उस दिन में हमारे साथ जो घटना हुई, उसका प्रतिबिंब हमारे सपनों ममें दिखाई देता है. वहीं आयुर्वेद में तो हमारे द्वारा ग्रहण किए गए भोजन-पानी को भी सपनों के लिए जिम्मेदार माना गया है.
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दृष्ट- ऐसे सपने जो जाग्रत अवस्था में देखे जाएं.
श्रुत- सोने से पहले सुनी गई बातों से जुड़े सपने आना.
अनुभूत- दिन में जागते हुए जो अनुभव हुआ हो, वह सपने में दिखाई देना.
प्रार्थित- ऐसी इच्छाओं-प्रार्थनाओं से जुड़े सपने जो आपने जागते हुए कीं.
दोषजन्य- वात, पित्त आदि के कारण भी सपने आते हैं.
भाविक- ऐसे सपने जो भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत देते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)