Lohri significance: लोहड़ी के पर्व पर लोक गीत गाए जाते हैं. लोग भांगड़ा और गिद्धा करके इस पर्व को मनाते हैं. लेकिन आगामी साल में लोग लोहड़ी की तारीख को लेकर थोड़ी दुविधा में हैं. चलिए आज हम आपको बताएंगे लोहड़ी की सही डेट, मुहूर्त और महत्व.
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When is lohri 2024: हर साल जनवरी के महीने में लोहड़ी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से पूरे भारत में मनाया जाता है. पंजाबियों के लिए ये दिन बहुत खास होता है. सिख परिवार में ये पर्व नया अन्न पैदा होने की खुशी में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. इस त्योहार में आग के चारों ओर लोग इकट्ठे होते हैं और फिर बारी-बारी से लोग आग में गेहूं की बालियां, रेवड़ी, मूंगफली, खील, चिक्की और गुड़ से बनी चीजें चढ़ाते हैं. इस दौरान लोक गीत गाए जाते हैं. लोग भांगड़ा और गिद्धा करके इस पर्व को मनाते हैं. लेकिन आगामी साल में लोग लोहड़ी की तारीख को लेकर थोड़ी दुविधा में हैं. चलिए आज हम आपको बताएंगे लोहड़ी की सही डेट, मुहूर्त और महत्व.
सूर्य का राशि परिवर्तन
हिंदू पांचांग के मुताबिक ग्रहों के राजा सूर्य देव 15 जनवरी को आधी रात 2 बजकर 43 मिनट पर धनु राशि निकलेंगे और फिर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. हिंदू धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है. इसलिए अगले साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी.
लोहड़ी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है. अगले साल 15 जनवरी को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए नए साल में लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को न मनाकर 14 जनवरी को मनाया जाएगा. लोहड़ी के पर्व पर संध्याकाल 8 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.
धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में लोहड़ी पर्व को खास महत्व दिया जाता है. धार्मिक मान्यतानुसार लोहड़ी के पावन दिन पर अग्नि देव की पूजा करने से घर सुख-शांति, खुशहाली और समृद्धि से भरपूर रहता है. इसके साथ इस पूजन से जीवन के सारे दुखों का नाश हो जाता है. इसलिए पूरे भारत में लोहड़ी का पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)