शिवरात्रि के दिन इन मंत्रों के साथ शिवजी पर चढ़ाएं बेलपत्र, पूरी होगी हर कामना; धन से जुड़ी समस्या भी होगी दूर
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शिवरात्रि के दिन इन मंत्रों के साथ शिवजी पर चढ़ाएं बेलपत्र, पूरी होगी हर कामना; धन से जुड़ी समस्या भी होगी दूर

भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की त्रयोदशी को मनाई जाती है. इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च को पड़ने वाली है. धार्मिक ग्रथों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव और पार्वती का मिलन हुआ था.

शिवरात्रि के दिन इन मंत्रों के साथ शिवजी पर चढ़ाएं बेलपत्र, पूरी होगी हर कामना; धन से जुड़ी समस्या भी होगी दूर

Maha Shivratri 2022: भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की त्रयोदशी को मनाई जाती है. इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च को पड़ने वाली है. धार्मिक ग्रथों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव और पार्वती का मिलन हुआ था. साथ ही मान्यता यह भी है कि इस दिन भोलेनाथ दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे, इसलिए कई भक्त घरों में रूद्राभिषेक करते हैं. कहते हैं कि महाशिवरात्रि पर विधि-विधान से रूद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके अलावा महाशिवरात्रि पर बेलपत्र से शिव की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं. ऐसे में जानते हैं कि भोलेनाथ को किन मंत्रों से बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. 

  1. धन से जुड़ी समस्या होती है दूर 
  2. बेलपत्र चढ़ाने से शिव होते हैं प्रसन्न
  3. दांपत्य जीवन रहता है खुशहाल

क्यों चढ़ाते हैं शिव के बेलपत्र?

शिव को बेलपत्र चढ़ाने की कथा माता पार्वती से जुड़ी है. करते हैं कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी. साथ ही उन्होंने कई व्रत किए थे. एक बार भगवान शिव बेलपत्र वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या कर रहे थे. माता पार्वती जब शिव पूजा के लिए सामग्री लाना भूल गई तो उन्होंने वृक्ष के नीचे गिरे हुए बेलपत्र से शिव को ढक दिया. जिससे भगवान शिव बहुत अधिक प्रसन्न हुए. तब से शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा है. 

बेलपत्र चढ़ान के लाभ

भोलेनाथ थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं. वैसे तो भगवान शिव की पूजा कई प्रकार से की जाती है, लेकिन जो भोलेनाथ की पूजा में उन्हें बेलपत्र अर्पित करते हैं. उनकी आर्थिक समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा जो शादीशुदा इंसान एक साथ भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाते हैं, उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है. 

कैसे चढ़ाएं शिवलिंग पर बेलपत्र?

महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले 11 या 21 बेलपत्र ले आएं. बेलपत्र की कोई भी पत्तियां कटे हुए नहीं होने चाहिए. इसके बाद इन बेलपत्र को शुद्ध पानी से साफ कर लें. फिर एक कटोरे या किसी शुद्ध पात्र में दूध डालकर उसमें बेलपत्र को शुद्ध कर लें. इसके बाद इसे गंगाजल से भी शुद्ध कर लें. अब सभी बेलपत्र पर चंदन से ॐ लिखें. फिर इस पर सुगंधित इत्र छिड़ककर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र बोलते हुए सभी बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें. 

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त बोले ये मंत्र

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् ।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ॥

अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम् ।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥

दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम् ।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥

गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर ।
सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय ॥

नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो
दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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