Masik Durgashtami 2023: मासिक दुर्गाष्टमी पर अवश्य करें दुर्गा स्तोत्र का पाठ, पूरी होगी हर एक मनोकामना
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Masik Durgashtami 2023: मासिक दुर्गाष्टमी पर अवश्य करें दुर्गा स्तोत्र का पाठ, पूरी होगी हर एक मनोकामना

Durga Stotra: अगर आप भी मां दुर्गा की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं तो इस दिन पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन और व्यास जी कृत दुर्गा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें. इससे मां आपसे अति प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बरसाएंगी. चलिए यहां पढ़ते हैं पूरा व्यास जी कृत दुर्गा स्त्रोत का पाठ.

Masik Durgashtami 2023: मासिक दुर्गाष्टमी पर अवश्य करें दुर्गा स्तोत्र का पाठ, पूरी होगी हर एक मनोकामना

Masik Durgashtami 2023 Pujan: मासिक दुर्गाष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है. मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस माह 20 दिसंबर को मासिक दुर्गाष्टमी पड़ रही है. ये दिन जगत जननी मां दुर्गा को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन मां दुर्गा का पूजन और व्रत रखा जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा दुष्टों का संहार करती हैं. इसलिए जो कोई भक्तजन पूरे भक्तिभाव से इस दिन मां दुर्गा का पूजन करता है मां उसके दुखों का नाश करके उनका उद्धार करती है. अगर आप भी मां दुर्गा की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं तो इस दिन पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन और व्यास जी कृत दुर्गा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें. इससे मां आपसे अति प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बरसाएंगी. चलिए यहां पढ़ते हैं पूरा व्यास जी कृत दुर्गा स्त्रोत का पाठ.

व्यास जी कृत दुर्गा स्त्रोत का पाठ

जय भगवति देवि नमो वरदे,
जय पापविनाशिनि बहुफलदे ।।
जय शुम्भनिशुम्भ कपालधरे,
प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ।।
जय चन्द्रदिवाकर नेत्रधरे,
जय पावकभूषित वक्त्रवरे ।
जय भैरवदेहनिलीन परे,
जय अन्धकदैत्य विशोषकरे ।।
जय महिषविमर्दिनि शूलकरे,
जय लोकसमस्तक पापहरे ।
जय देवि पितामह विष्णुनते,
जय भास्कर शक्र शिरोऽवनते ।।
जय षण्मुख सायुध ईशनुते,
जय सागरगामिनि शम्भुनुते ।
जय दु:खदरिद्र विनाश करे,
जय पुत्रकलत्र विवृद्धि करे ।।
जय देवि समस्त शरीर धरे,
जय नाकविदर्शिति दु:ख हरे ।
जय व्याधि विनाशिनि मोक्ष करे,
जय वांछितदायिनि सिद्धि वरे ।।
एतद् व्यासकृतं स्तोत्रं,
य: पठेन्नियत: शुचि: ।
गृहे वा शुद्ध भावेन,
प्रीता भगवती सदा ।।

सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ
ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः,
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्यदुःखभयहारिणी का त्वदन्या,
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।
सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयंबके गौरि नारायणि नमोस्तु ते।
शरणागतदीनार्तपरित्राणपराणये।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तु ते।
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा,
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां,
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।
सर्वबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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