Masik Kalashtami 2024 Date: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन काल भैरव की पूजा करने का विधान है. कहा जाता है कि कालाष्टमी का व्रत रखने से रोग, पीड़ाओं और दुखों की समाप्ती हो जाती है
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Masik Kalashtami 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन काल भैरव की पूजा करने का विधान है. कहा जाता है कि कालाष्टमी का व्रत रखने से रोग, पीड़ाओं और दुखों की समाप्ती हो जाती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है. आइए जानते हैं इस साल मार्च के महीने में कालाष्टमी व्रत कब है और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त.
कब है कालाष्टमी 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार कालाष्टमी तिथि की शुरुआत 3 मार्च को सुबह 8 बजकर 44 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन 4 मार्च को सुबह 8 बजकर 49 मिनट पर होगी. इसके चलते 3 मार्च को कालाष्टमी का व्रत, पूजा की जाएगी.
कालाष्टमी व्रत का महत्व
कालाष्टमी पर भगवान शिव के रुद्रावतार काल भैरव जी की पूजा की जाती है. काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता कहा जाता है. इनकी विधि विधान से पूजा करने से किसी भी प्रकार का डर-भय नहीं रहता है. इसके अलावा सांसारिक दुखों से भी मुक्ति मिल जाती है. कालाष्टमी के दिन निशिता मुहूर्त में पूजा करना काफी शुभ माना जाता है.
पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें. इसके बाद भगवान कालभैरव की पूजा करने का संकल्प लेकर मंदिर की साफ-सफाई कर, गंगाजल से पवित्र करें. इसके बाद कालभैरव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद 'ॐ ह्रीं वं भैरवाय नमः' 'भैरवाय नमः' मंत्रों का जाप करें. फिर आरती कर पूजा का समापन करें. कालभैरव को उनकी प्रिय चीज का भोग लगाएं और प्रसाद वितरित कर दें. शाम के समय सात्विक भोजन से अपने व्रत का पारण करें.
भगवान शिव की भी करें पूजा
कालाष्टमी के दिन आप भगवान शिव के स्तोत्र, चालीसा का जरूर पाठ करें. इससे भगवान शिव की कृपा भी आपके ऊपर बनी रहेगी और दुखों का विनाश होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)