Mesh Sankranti 2024 Kab Hai: जब सूर्यदेव मेष राशि में प्रवेश करेंगे तब मेष संक्रांति मनाई जाएगी. आइए जानते हैं इस साल मेष संक्रांति कब मनाई जाएगी. जान लें सही डेट, महत्व और उपायय.
Trending Photos
Mesh Sankranti 2024: हिन्दू धर्म में सक्रांति का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. ज्योतिष गणना के अनुसार अभी सूर्यदेव मीन राशि में विराजमान हैं. जब सूर्यदेव मेष राशि में प्रवेश करेंगे तब मेष संक्रांति मनाई जाएगी. आइए जानते हैं इस साल मेष संक्रांति कब मनाई जाएगी. जान लें सही डेट, महत्व और उपायय.
कब है मेष संक्रांति? (Mesh Sankranti 2024 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मेष राशि में ग्रहों के राजा सूर्यदेव प्रवेश करेंगे. इस साल मेष संक्रांति 13 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन रात 9 बजकर 40 मिनट पर मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. सिख समुदाय के लोग इस दिन बैखाखी मनाते हैं.
शुभ मुहूर्त (Mesh Sankranti 2024 Shubh Muhurat)
मेष संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है. 13 अप्रैल को पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू हो कर शाम 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. आप इस मुहूर्त में सूर्यदेव की पूजा कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: मां दुर्गा के 9 स्वरूप देते हैं ये सीख, जीवन में अपनाने से जरूर मिलेगी सफलता
मेष संक्रांति का महत्व (Mesh Sankranti 2024 Significance)
मेष संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा करने से पितर भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव की पूजा करने से बुद्धि-ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
करें चने की दाल का दान
मेष संक्रांति के दिन चने की दाल का दान करना शुभ माना जाता है. ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
गुड़ का दान
अगर आप किसी रोग से बहुत लंबे समय से परेशान हैं तो आप मेष संक्रांति के दिन गुड़ का दान करें.
करें सूर्यदेव के मंत्रों का जाप
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ घृणि सूर्याय नमः
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो भास्कराय नमः
- ॐ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्
- ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)