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नई दिल्ली: आज (24 जुलाई, शनिवार) गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2021) है. आदिगुरु महर्षि वेद व्यास (Maharshi Ved Vyas) की जन्म तिथि आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाते हैं. इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करके, उनका सम्मान करते हैं और उनका आशीर्वाद पाते हैं. गुरु के मार्गदर्शन से न केवल जीवन को सही दिशा मिलती है, बल्कि उनका आशीर्वाद व्यक्ति को सफल भी बनाता है. इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि बिना गुरु दीक्षा लिए व्यक्ति का जाप, पूजा-पाठ निष्फल रह जाता है.
जिन लोगों ने गुरु दीक्षा ली है, वे इस दिन अपने गुरु की पूजा करते हैं लेकिन अब सवाल यह है कि जिन लोगों ने दीक्षा नहीं ली है वे किसकी पूजा करें. इसके लिए धर्म-पुराणों में कहा गया है कि ऐसे लोग भगवान विष्णु को अपना गुरु मानकर उनकी पूजा करें. पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की भी पूजा की जाती है. इसके अलावा यदि अब तक किसी को गुरु नहीं बनाया है, तो गुरु पूर्णिमा का दिन दीक्षा लेने के लिए बहुत उपयुक्त है. इसके लिए कोई विद्वान आध्यात्मिक व्यक्ति गुरु ढूंढे और उससे दीक्षा लें, ताकि वह अच्छे-बुरे समय में आपको मार्गदर्शन दे सके.
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गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. भगवान व्यास जी को नमन करें. उन्हें तिलक लगाएं, माला पहनाएं. पूजा घर में दीपक लगाएं. इसके बाद अपने गुरु का आशीर्वाद लें. कोरोना महामारी के कारण गुरु से मिलना संभव न हो तो घर पर ही उनकी पूजा करें. इसके लिए उनकी फोटो को तिलक लगाएं. फूल अर्पित करें. गुरु मंत्र का जाप जरूर करें. उनका आशीर्वाद लें. आज के दिन गुरु को अपनी सामर्थ्य के अनुसार भेंट भी देना चाहिए.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)