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नई दिल्ली: हस्तरेखा विज्ञान (Palmistry) जिंदगी से जुड़ी कई बातें बताता है. इसमें भाग्य, धन-संपत्ति, आयु, विवाह, करियर के अलावा संतान योग भी शामिल है. यहां तक कि इससे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति को कितनी संतान होंगी और उसे बेटा (Son) होगा या बेटी (Daughter) . इन बातों का पता संतान रेखा (Santan Rekha) से चलता है.
विवाह रेखा (Vivah Rekha) के अंत में और उसके ऊपरी भाग में ऊपर की ओर जाने वाली रेखाएं संतान रेखाएं होती हैं. यह सबसे छोटी उंगली के नीचे होती हैं. कभी-कभी संतान रेखा इतनी सूक्ष्म होती है कि इसके परीक्षण के लिए लैंस की मदद लेनी पड़ती है. हालांकि संतान के सम्बन्ध में भविष्यवाणी करते समय हाथ के कुछ अन्य भागों का परीक्षण भी करना होता है.
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- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि संतान रेखा खड़ी, सीधी और स्पष्ट हो तो यह स्वस्थ पुत्र प्राप्ति का संकेत होता है.
- यदि यह रेखा टेढ़ी-मेढ़ी और कमजोर हो तो यह पुत्री होने का संकेत देती है.
- यदि संतान रेखा बहुत छोटी, बाधित हो या बीच में कट रही हो तो यह गर्भपात का संकेत देती है.
- यदि पुरुष की हथेली में संतान रेखा अधिक हैं तो यह स्वस्थ बच्चों के होने का इशारा करती है. यदि संतान रेखाएं कम हों तो संतान कमजोर हो सकती है.
- संतान रेखा के अंत में कई बारीक रेखाएं निकली हों तो यह जुड़वा बच्चों के जन्म का योग बताती हैं.
- वहीं संतान रेखा की शुरुआत में पर्वत है तो कमजोर संतान होने की संभावना रहती है. इन लोगों के बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं.
- संतान रेखा का घुमावदार होना या असमान होना बच्चे के खराब स्वास्थ्य का संकेत देता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)