शिवजी को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है. महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है, वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, बड़े से बड़ा रोग दूर होता है, संतान सुख प्राप्त होता है और जीवन की सभी तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलता है. बेलपत्र 3 से लेकर 11 दलों तक के होते हैं, ये जितने अधिक पत्र के हों, उतने ही उत्तम माने जाते हैं. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि पत्तियां कटी फटी न हों.
शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग को भगवान शिव का ही एक निराकार रूप माना जाता है इसलिए सिर्फ महाशिवरात्रि के खास मौके पर ही नहीं बल्कि रोजाना भी अगर शिवलिंग का जल से अभिषेक किया जाए तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है. शास्त्रों की मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं. जल के अलावा अगर शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया जाए तो इससे भी समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. अगर आपके पास दूध कम है, तो थोड़ा सा दूध लेकर उसे पानी में मिला लें और इसे ही शिवलिंग पर चढ़ाएं.
भगवान शिव को धतूरा बेहद प्रिय है इसलिए महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाकर मन और विचारों की कड़वाहट निकालने और मिठास को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं. इसके अलावा भांग, आंक का फूल और बेर भी शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए.
ऐसी मान्यता है कि मात्र 4 दाना चावल चढ़ाने भर से ही शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त जन को अपार ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन आपको भी शिवजी पर अक्षत यानी चावल जरूर चढ़ाने चाहिए. बस इतना याद रखें कि चावल साफ-सुथरा और अखंड हो. खंडित चावल कभी भी शिव जी को न चढ़ाएं. शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और अखंडित चावल की तरह अखंडित धन, मान-सम्मान प्रदान करते हैं.
महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं. मंत्र जाप करते वक्त आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. 1 ॐ नमः शिवाय। 2 नमो नीलकण्ठाय। 3 ॐ पार्वतीपतये नमः। 4 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय। 5 ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
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