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Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं. उनके सुविचार लोगों को जिंदगी में पथ प्रदर्शक का काम कर रही है. हाल ही में उनके सत्संग में जब एक व्यक्ति ने पूछा कि क्या पीरियड और शौच के दौरान भजन कर सकते हैं! कहीं भगवान का नाम इस समय लेने से व्यक्ति को पाप भी लग सकता है!
दरअसल प्रेमानंद जी महाराज लोगों के बीच अपने सुविचारों के कारण सही राह पर चलने के लिए प्रचलित हैं. उन्होंने व्यक्ति के इस सवाल पर बड़ा ही सरल और उचीत जवाब दिया, जिसके बारे में आइए विस्तार में जानते हैं.
जानें क्या कहती है मर्यादा
प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि शास्त्र मर्यादा की मानें तो बाहरी तौर पर जो कार्य किए जाते हैं उन पर रोक लग सकती है. जैसे माला फेरना, भगवान को भोग लगाना, पूजा नहीं करना, किचन में खाना नहीं बना सकते आदि ऐसी चीजों पर रोक तो लग सकती है. परंतू इसके आगे उन्होंने यह भी बताया कि व्यक्ति ऐसे में क्या कर सकता है.
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जानें पीरियड में कैसे करें भगवान की आराधना
प्रेमानंद जी आगे बताते हैं कि पीरियड के तीन दिनों के दौरान प्रभु की सेवा नहीं करनी चाहिए. लेकिन आप इस समय मन में भगवान की आराधना अवश्य कर सकते हैं. शरीर में मासिक धर्म है मन को थोड़ी ही है. मन में आप प्रभु का नाम ले सकते हो. ये सभी शारीरिक धाराणाएं हैं. मल मूल निकलता है और मासिक धर्म होता है. साथ ही पसीना भी तो निकलता है लेकिन इसका अर्थ यह तो नहीं है कि भगवान का नाम लें और भजन ना करें.
शौच के दौरान क्या कर सकते हैं भगवान के नाम का जप
प्रेमानंद जी कहते हैं कि शौच के बाद व्यक्ति पहले पवित्र हो जाए उसके बाद भगवान को स्मरण कर सकता है. भजन तनाव दूर करने के लिए होता है. प्रभु के नाम का इतना जप कर लो कि वह पूरी तरह मन में रम जाए. राम भजन से हमें ऊर्जा मिलती है. इसलिए हर वक्त हमारे मन से राम नाम का नाम निकलते रहना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)