पुणे: गजानन की जयघोष से गूंजे पंडाल, 25 हजार महिलाओं ने एक साथ किया अथर्वशीर्ष पठन
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पुणे: गजानन की जयघोष से गूंजे पंडाल, 25 हजार महिलाओं ने एक साथ किया अथर्वशीर्ष पठन

पुणे का श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपती ट्रस्ट पिछले कई सालों से यह अथर्वशीर्ष पठन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. दगडूशेठच्या उत्सव मंडप से नाना वाडा इलाके तक बैठकर महिलाएं अथर्वशीर्ष पठन करके गणपति की अराधना करती है. 

बप्पा के सामने अथर्वशीर्ष पठन करतीं महिलाएं

पुणे : गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश भर में गणेशजी की भव्य पूजा हो रही है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक प्रथम पूज्यनीय गणपति के भक्त भक्ति में लीन है. पुणे में हर साल की तरह इस साल भी गणेश उत्सव की धूम है. पुणे में 25 हजार महिलाएं अथर्वशीर्ष पठन के लिए दगडूशेठ गणपति के दर पर इकट्ठा हुईं और बप्पा के सामने अथर्वशीर्ष पठन किया. 

पुणे को दगडूशेठ हलवाई गणपती मंडल के बाहर 'ओम् नमस्ते गणपतये...गजानना, गजानना... ओम गं गणपतये नम:... मोरया, मोरया...' का य जयघोष चल रहा हैं, जिसमें कई विदेशी महिलाए भी शामिल है. पारंपारिक महाराष्ट्रीयन वेशभूषा में सुबह 4 बजे से महिलाए अथर्वशीर्ष पठन के लिए गणेश नाम का जयघोष के साथ पुणे पहुंची.  

पुणे का श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपती ट्रस्ट पिछले कई सालों से यह अथर्वशीर्ष पठन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. दगडूशेठच्या उत्सव मंडप से नाना वाडा इलाके तक बैठकर महिलाएं अथर्वशीर्ष पठन करके गणपति की अराधना करती है. 

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आपको बता दें कि भगवान गणेश प्रथम पूज्यनीय देवता है. किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की वंदना सबसे पहले किया जाता है. शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, पूजा और आरती का महत्व बताया गया है. इनमें सबसे ज्यादा अहमियत श्रीगणपति अथर्वशीर्ष की मानी जाती है.

यह मूलत: भगवान गणेश की वैदिक स्तुति है, जिसमें भगवान गणेश के आवाहन से लेकर ध्यान, नाम से मिलने वाले शुभ फल आदि शामिल है. इस गणपति स्त्रोत का पाठ धार्मिक दृष्टि से सभी दोष से मुक्त करता है, वहीं व्यावहारिक जीवन के कष्टो, दु:खों और बाधाओं से भी रक्षा करता है. 

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