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Ravan in ramayana: रामायण का हर एक पात्र महत्वपूर्ण है. जिसमें प्रभु श्री राम जिसके लिए धरती लोक पर अवतरित हुए थे वह था रावण. रावण एक ऐसा पात्र था जिसे कई प्रकार के वरदान प्राप्त थे. इन्हीं वरदानों की वजह से उसका घमंड का पाप पूरी तरह भरता जा रहा था. जिसके बाद ही प्रभु श्री राम ने संपूर्ण धरा को ही रावण के अत्याचारों से लोगों को पूर्ण रूप से मुक्त करा दिया. बता दें कि केवल प्रभु श्री राम ही नहीं बल्कि उनके अलावा कई और लोग ऐसे थे जिन्होंने रावण के अहंकार को चूर चूर कर दिया था. आइए पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पूरी घटना के बारे में जानें.
बालि ने तोड़ा था रावण का अंहकार
बालि को ऐसा वरदान था कि सामने वाले व्यक्ति की भी ताकत उसमें समाहित हो जाएगी. जसके वजह से उसे कोई हरा नहीं सकता. जिसके बाद एक बार रावण बाली से युद्ध करने के लिए आ गए और उसे ललकारने लगे. जिसके बाद बालि ने रावण को अपने बगल में दबा लिया और चार समुद्रों के चक्कर लगा कर आ गए. दरअसल बालि इतनी ही देर में सूर्य के चक्कर लगा कर उन्हें अर्घ्य भी दे देता था.
इस दौरान बालि रावण को अपने बगल में दबाया ही रहा और पूजा संपन्न भी हो गई. रावण ने पूरी कोशिश की वजह अपने आपको छोड़ा ना पाया. अंत में खुद बालि ने रावण को मुक्त कर दिया. इसके बाद कभी भी रावण ने बाली से युद्ध नहीं किया. पर बता दें कि बालि का उद्धार प्रभु श्री राम ने ही किया था.
सहस्त्रबाहु अर्जुन ने भी रावण का तोड़ा घमंड
सहस्त्रबाहु अर्जुन के एक हजार हाथ थे. एक बार उन्होंने नर्मदा नदी को रोक दिया. ऐसा उन्होंने कई बार किया, जिस दौरान एक बार रावण की कई सेना बह गई. जिसके बाद रावण गुस्सा हो गया और युद्ध करने के लिए पहुंच गया. पर सहस्त्रबाहु अर्जुन उसे पराजित कर जेल में बंदी बना लिया.
बच्चे ने भी तोड़ा था राम का घमंड
पाताल लोक पर भी अपना आधिपत्य जमाने के लिए रावण पाताल लोक पहुंच गया. जहां पर उसने दैत्यराज बलि को युद्ध के लिए ललकारा. वहां पर उसे कुछ बच्चे खेलते नजर आए. वहां पर रावण ने उन्हें डराने की कोशिश की पर उन लोगों ने रावण को घोड़ों के साथ अस्तबल में बांध दिया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)