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Raja Dashrath Samadhi: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है. बता दें कि इसकी तैयारियां खूब जोरों पर चल रही है. इस दौरान देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंच कर इस भव्य समारोह में शामिल होना चाह रहे हैं और इसका हिस्सा बन भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करना चाह रहे हैं. लेकिन क्या आ जानते हैं अयोध्या अब एक तीर्थ स्थल बन चुका है. यहां सिर्फ राम मंदिर ही नहीं, कई ऐसी पवित्र जगह हैं, जहां पर दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामना पूर्ति का वरदान मिलता है. इतना ही नहीं, इन जगहों का जिक्र शास्त्रों में भी मिलता है. आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में.
राजा दशरथ की समाधि भी है प्रमुख
बता दें कि राम मंदिर के निर्माण के लिए इंडोनेशिया थाईलैंड से भी मिट्टी लाइ गई है. वहीं, पूजा के दौरान देशभर की नदियों के जल को सहस्त्र धारा हजार क्षेत्र वाले घड़े से भगवान का जलाभिषेक किया जाएगा. इस समय पूरी अयोध्या में राम नाम की धूम है. अयोध्या नगरी का हर धाम सजाया और संवारा जा रहा है, जिसमें रामजन्म भूमि के बाद राजा दशरथ समाधि प्रमुख है. ऐसा बताया जाता है कि अयोध्या कि सबसे पवित्र भूमि है जहा राजा दशरथ की समाधि बनी है और इसका अपना अलग एक महत्व है. ऐसा बताया जा रहा है कि दशरथ समाधि के दर्शन हेतु देश के कोने कोने से लोग आते हैं. इस समाधि के दर्शन मात्र से शनि का प्रकोप जीवन में कम हो जाता है.
राम मंदिर को लेकर चल ही तैयारियों को दौरान ग्रामीणों ने दशरथ समाधि पर झाड़ू लगाकर पूरे प्रांगण को साफ किया जिसमें महिलाएं भी शामिल थी. इसके अलावा समाधि स्थल को सप्त नदियों के जल से भी धोया गया. 22 जनवरी को यहां पर दीपोत्सव के अलावा भजन कीर्तन का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसके लिए स्वच्छता अभियान चलाकर पूरी अयोध्या को साफ सुथरा किया जा रहा है ताकि 22 जनवरी को जब राम लला अयोध्या की गद्दी पर बिराजे तो यहां पर भी उत्सव मनाया जा सके.
दर्शन से ही शांत होता है शनि का प्रकोप
ज़ी मीडिया ने दशरथ समाधि के आचार्य संदीप दास से भी बात की और उनसे इस पवित्र स्थल के बारे में जाना. बातचीत के दौरान बताया कि ये स्थान अयोध्या का सबसे पवित्र स्थान है और इस पवित्र स्थल के दर्शन मात्र से शनि का प्रकोप भी शांत हो जाता है.
पूर्णहरि धाम भी है प्रमुख
कहने को तो पूरी अयोध्या तीर्थ स्थल है लेकिन अयोध्या के कुछ तीर्थ स्थान बेहद चर्चित और चमत्कारी है जिसमें से पूर्णहरी धाम भी एक है. अयोध्या की सीमा पर स्थापित इस तीर्थ स्थल का महत्व पुराणों में भी बताया गया है. कहा जाता है सात हरि में से एक हरि पूर्णहरि है, जिसकी मान्यता सबसे ज्यादा है.
त्रेता युग में जब राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या आए तो उनके इंतजार में सत्रुधन और गुरुजनों के साथ राम का इंतजार भरत ने यही पर किया और जब राम को देख भरत भावुक हुए तो राम ने उन्हें गले लगा लिया और उस मिलाप के दौरान को भरत और राम के आंसू बहे वो आज कुंड के रूप देखने को मिलता है और ऐसी मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ..
यहां ग्रामीणों ने बताया कि ये स्थान बेहद चमत्कारी है यहां हर रविवार को लोग पूजा अर्चना के लिए दूर- दूर से लोग आते है और उनकी हर मनोकामना यहां पूर्ण होती है. इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने बताया कि इस स्थान का वर्णन शास्त्रों और पुराणों में भी है. इसके अलावा, अयोध्या महात्म्य में भी इस स्थान का वर्णन किया गया है. 22 जनवरी को लेकर सम्पूर्ण अयोध्या में सफाई अभियान चल रहा दीपोत्सव कि तैयारी चल रही है यही वजह है कि 22 जनवरी को यहां भी दीपोत्सव और अखंड पाठ का कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसकी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है.