मान्यता है कि सावन के मंगलवार को मां पार्वती की पूजा करने से मंगल ही मंगल होता है और जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं. विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं.
Trending Photos
नई दिल्लीः ये तो सभी जानते हैं कि सावन के प्रत्येक सोमवार को या फिर कहें कि पूरे सावन माह भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है. सावन को भगवान शिव का प्रिय माह भी कहा जाता है. लेकिन सावन सोमवार के साथ ही सावन के मंगलवार का भी बेहद महत्व होता है. दरअसल, सावन के मंगलवार को मां मंगला गौरी की पूजा की जाती है और यह दिन मां पार्वती को समर्पित होता है. मान्यता है कि सावन के मंगलवार को मां पार्वती की पूजा करने से मंगल ही मंगल होता है और जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं. विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं.
इस सावन मंगला गौरी व्रत
इस सावन कुल चार मंगलवार पड़ रहे हैं. इस दौरान पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई, दूसरा 30 जुलाई, तीसरा 6 अगस्त और चौथा 13 अगस्त को पड़ रहा है. 13 अगस्त का मंगलवार इस सावन का आखिरी मंगलवार होगा. बता दें सावन का महीना सिर्फ भगवान शिव ही नहीं बल्कि उनकी अर्धांगिनी मां पार्वती को भी काफी प्रिय है. यही कारण है कि सावन के दौरान हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है.
देखेें लाइव टीवी
Sawan 2019: गैवीनाथ में वर्षों से विराजमान है खंडित शिवलिंग, सैकड़ों साल पुराना है इतिहास
मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी व्रत में व्रतधारी को सूर्योदय से पहले उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद एक पूजा घर में एक चौकी रखें और इस पर लाल कपड़ा बिछाएं. अब इसमें मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें. व्रत का संकल्प लें और दीपक जलाकर मां गौरी की पूजा करें. पूजा में माता को पुष्प, माला, भोग और सुहाग की सामग्री अर्पित करें.
सावन के मंगलवार को इन मंत्रों से करें बजरंगबली का पूजन, धन-संपत्ति में होगा लाभ
मंगला गौरी व्रत पूजन सामग्री
बता दें मंगला गौरी व्रत के पूजन में 16 सामग्रियों का होना बेहद आवश्यक है, जिसमें फल, फूल, मिठाई, सुहाग की सामग्री और अन्य कई चीजें शामिल हैं. पूजा के दौरान माता गौरी का ध्यान करें और व्रत संपन्न होने के बाद सात्विक आहार से अपना व्रत तोड़ें.