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Sawan 2023: सावन का महीना चल रहा हैं. ऐसे में मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहता हैं. कहते हैं सावन के महीने में शिवजी की पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. सावन के खास दिनों में भोलेनाथ के कुछ खास मंदिरों के चमत्कारों के बारे में जानेंगे. आज हम आपके रीवा के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आने से लाइलाज बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. कहते हैं इस मंदिर में पूजा करने से अकाल मृत्यु तक टल जाती है. ये दुनिया का एक मात्र ऐसा शिवलिंग है जिसमें 1001 छिद्र हैं और महामृत्युंजय यहां साक्षात विराजते हैं.
जानें किसने कराया था मंदिर का निर्माण?
मान्यता है कि लगभग 500 साल पहले रियासत के महाराज ब्याघ्रदेव सिंह शिकार के दौरान इसी स्थान पर थे. उसी रात महाराज ने देखा कि मंदिर परिसर के पास एक शेर चीतल के पीछे दौड़ रहा था लेकिन चीतल जब टीले के पास पहुंचा तो शेर शांत हो गया. उसी वक्त महाराज को यहां मौजूद शक्तियों का अहसास हुआ और फिर उन्होंने यहां पर मंदिर की स्थापना करवाई. एक और मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कई सालों पहले यहां से साधू संतो और भांट यह प्रतिमा लेकर गुजर रहे थे. रात के समय विश्राम के दौरान शिव ने महामृत्युंजय की प्रतिमा को यही छोड़कर जाने का स्वप्न दिखाया. इसके बाद से यह प्रतिमा छोड़कर साधू संत यहां से चले गए.
दर्शन से ही दूर हो जाती है परेशानियां
कहते हैं इस मंदिर में महामृत्युंजय मंत्र का जाप और रुद्राभिषेक करने से महामारी रोग और असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है. कहते हैं कि सावन के महीने में इस मंदिर में महामृत्युजंय मंत्र का जाप करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
इस मंदिर में सावन, एकादशी, महाशिवरात्रि और बंसत पंचमी के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. इस दौरान भक्त जप, तप और हवन करते हैं. कहते हैं कि इससे अकाल मृत्यु को भी टाला जा सकता है. इसके अलावा इस मंदिर में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से लंबी बीमारी से भी छुटकारा मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)