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नई दिल्ली: आपने भी अक्सर अपने घरों में चिड़ियों को घोंसला (Birds Nest) बनाते देखा होगा. शहरों में तो अक्सर बालकनी में कबूतर घोंसला (Pigeon nest) बना लेते हैं. इसे लेकर कई बार कन्फ्यूजन की स्थिति रहती है कि क्या घरों में चिड़िया जैसे- गौरेया, कबूतर या किसी अन्य पक्षी का घोंसला होना चाहिए या नहीं. इस बारे में क्या कहता है वास्तु शास्त्र यहां जानें.
वास्तु शास्त्र (Vastu shastra) के अनुसार जब गौरेया (Sparrow) घर में घोंसला बनाती है तो इसे काफी शुभ माना जाता है और गौरेया के घोंसले को हटाने की भूल नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे घर में सुख-शांति और सौभाग्य (Happiness and prosperity) आता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो गौरैया का घोंसला अगर घर में बन जाए तो इससे दस तरह के वास्तु दोष दूर हो सकते हैं.
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घर की पूर्व दिशा (East) में अगर गौरेया का घोंसला हो तो इससे मान सम्मान में बढ़ोतरी होती है. अगर घर की दक्षिण-पूर्व दिशा (South east) यानी आग्नेय कोण में गौरेया का घोंसला हो तो इससे घर में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों की संभावना रहती है. दक्षिण दिशा (South) में बने घोंसले से धन की प्राप्ति होती है तो वहीं दक्षिण पश्चिम (South west) दिशा में बना घोंसला परिवार के सदस्यों की आयु बढ़ाता है.
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कबूतर को मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) का भक्त माना जाता है और उसका घर में आना सुख शांति का संकेत देता है. कोशिश करें कबूतरों को हर रोज दाना-पानी दें. इससे आपके घर में समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है. घर में कबूतर का घोंसला होने को लेकर वास्तु एक्सपर्ट्स में एक राय नहीं है. कुछ लोग जहां घर में कबूतर के घोंसले को सुख-समृद्धि का प्रतीक मानते हैं. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि कबूतर का घर में आना तो शुभ है लेकिन घोंसला बनाना नहीं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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