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नई दिल्ली: सूर्य (Sun) को ज्योतिष (Astrology) में ग्रहों (Planets) का राजा माना गया है. सूर्य साल में 12 बार राशि परिवर्तन करता है, यानी कि हर महीने में एक बार राशि (Zodiac Sign) बदलकर दूसरी राशि में जाता है. सूर्य के राशि परिवर्तन से ही ऋतुएं बदलती हैं, कालगणना होती है. 15 जून को सूर्य का मिथुन संक्रांति पर्व है. इस दिन सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा. इस संक्रांति पर्व (Sankranti Parv) का बहुत महत्व है क्योंकि इस परिवर्तन के बाद ही बारिश के मौसम (Rainy Season) का आगमन माना जाता है. सूर्य (Surya) के सिंह राशि में रहने तक बारिश का मौसम रहता है.
चूंकि बारिश में पानी से जुड़ी बीमारियां होती हैं, इस दौरान सेहत कमजोर होती है. ऐसे में संक्रांति पर्व पर सूर्य को अर्ध्य देने से सेहत मजबूत होती है. इसके अलावा इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन-कपड़ों का दान देने की भी परंपरा है. हो सके तो इस दिन व्रत करें और नमक का सेवन न करें. इससे कई मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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- सूर्योदय से पहले उठकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें. इससे तीर्थ स्नान का पुण्य मिलता है.
- हो सके तो पूजन के तांबे की थाली और लोटे का उपयोग करें. अर्ध्य के जल में लाल चंदन और लाल फूल मिलाएं.
- इसके बाद उगते हुए सूरज को प्रणाम करके उसे जल चढ़ाए़ं और फिर धूप-दीप दिखाकर आरती करें. जल चढ़ाते समय ऊँ घृणि सूर्यआदित्याय नमः मंत्र बोलें.
- अर्ध्य के जल को इस तरह चढ़ाएं कि उसमें किसी का पैर न लगे. जल किसी पात्र में गिरा सकते हैं और फिर उसे पेड़-पौधों में डाल सकते हैं.
- अर्ध्य के बाद सूर्य देवता को प्रणाम करें और अपनी ही जगह पर 7 बार घूमें यानि कि प्रदक्षिणा करें.
- इसके बाद दान का संकल्प लें. सूर्य की इस तरह पूजन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कुंडली में सूर्य मजबूत होकर अच्छा फल देता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)