Vivah Panchami 2020 Date, Muhurat: कब है विवाह पंचमी, जानिए प्रभु राम और माता सीता के विवाह का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Vivah Panchami 2020 Date, Muhurat: कब है विवाह पंचमी, जानिए प्रभु राम और माता सीता के विवाह का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2020) का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. इस दिन भगवान राम (Lord Rama) और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था. इस दिन भक्त भगवान राम की धूमधाम से बारात निकलते हैं.

विवाह पंचमी

नई दिल्ली. विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2020) महोत्सव 19 दिसंबर यानी शनिवार को मनाया जाएगा. यह महोत्सव हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. यह हिन्दुओं का प्रमुख महोत्सव है. इस दिन भगवान श्रीराम (Lord Rama) और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था.

  1. 19 दिसंबर को मनाई जाएगी विवाह पंचमी
  2. इस दिन भगवान राम और माता सीता का होता है विवाह
  3. हिंदू धर्म में विवाह पंचमी महोत्सव का है खास महत्व
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विवाह पंचमी को राम विवाह (Ram Vivah) महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान राम की धूमधाम से बारात निकाली जाती है. जानिए विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त, कथा और पूजा विधि.

विवाह पंचमी तिथि और मुहूर्त

विवाह पंचमी की तिथि: 19 दिसंबर 2020, शनिवार
पंचमी तिथि की शुरुआत: 18 दिसंबर 2020, शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 23 मिनट से
पंचमी तिथि की समाप्ति: 19 दिसंबर 2020, शनिवार को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट

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विवाह पंचमी महोत्सव की कथा

मिथिला के राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का स्वयंवर आयोजित किया था. इस स्वयंवर में भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ हिस्सा लिया था और भगवान शिव के धनुष को तोड़कर माता सीता को वरमाला पहनाई थी. यह शुभ समाचार अयोध्या पहुंचा तो राजा दशरथ बारात के साथ जनकपुर पहुंच गए थे. फिर मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह धूमधाम से संपन्न किया गया था.

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विवाह पंचमी की पूजा विधि 

विवाह पंचमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें. इसके बाद भगवान राम और माता सीता के विवाह का संकल्प लें. फिर घर में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या चित्र लगाएं. भगवान राम को पीले कपड़े और माता सीता को लाल कपड़े पहनाएं. इसके बाद 'ॐ जानकीवल्लभाय नमः' मंत्र का जाप करें. फिर भगवान राम और माता सीता का गठबंधन कराएं. भगवान राम और माता सीता की आरती उतारकर प्रसाद बांटें.

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