15 जून को है चमत्‍कारिक Kainchi Dham का स्‍थापना दिवस, Steve Jobs-Mark Zuckerberg भी रहे हैं यहां
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15 जून को है चमत्‍कारिक Kainchi Dham का स्‍थापना दिवस, Steve Jobs-Mark Zuckerberg भी रहे हैं यहां

भगवान हनुमान के परमभक्‍त नीम करौली बाबा ने कैंची धाम की स्‍थापना की थी. बाबा के इस आश्रम में अमेरिकी भक्‍त बड़ी संख्‍या में आते हैं.

नीम करौली बाबा (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: एप्‍पल के संस्‍थापक स्‍टीव जॉब्‍स, फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स जिस भारतीय बाबा के भक्‍त रहे हैं, उनके धाम का 15 जून का स्‍थापना दिवस है. नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba) के पास देश ही नहीं दुनिया भर से भक्‍त आते थे और प्रेरणा पाते थे. उन्‍होंने 1964 में नैनीताल के पास पंतनगर में यह धाम/आश्रम बनाया था, जिसमें स्‍टीव जॉब्‍स (Steve Jobs) कई दिनों तक रहे. 15 जून को इस धाम की स्‍थापना दिवस के मौके पर देवभूमि कैंची धाम (Kainchi Dham) में मेला लगता है, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार इस मंदिर के गेट बंद रहेंगे. 

  1. 15 जून को है कैंची धाम का स्‍थापना दिवस 
  2. नीम करौली बाबा ने की थी स्‍थापना 
  3. बाबा के भक्‍तों में जूलिया रॉबर्ट्स, स्‍टीव जॉब्‍स, मार्क जुकरबर्ग शामिल 

इसलिए मशहूर है यह धाम 

इस धाम को स्‍थापित करने वाले बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है. कहते हैं कि यहां कोई भी व्‍यक्ति मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता. यहां बाबा का समाधि स्थल भी है. विदेशी भक्‍तों की बात करें तो यहां अमेरिकी लोग सबसे ज्‍यादा आते हैं. 

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ऐसा रहा नीम करौली बाबा का जीवन 

नीम करौली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था. वे उत्तरप्रदेश के अकबरपुर गांव में साल 1900 के आसपास जन्‍मे थे. वे हनुमान जी के परम भक्‍त थे, उन्‍होंने देश में भगवान हनुमान के कई मंदिर बनवाए. इसी कड़ी में उन्‍होंने नैनीताल में भी हनुमान मंदिर बनवाया. कैंची धाम में अन्‍य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं. बाबा ने वृंदावन में 11 सितंबर 1973 को अपना शरीर त्‍यागा था. उनके 2 बेटे और 1 बेटी हैं. बड़े बेटे अपने परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं और छोटे बेटे का हाल ही में निधन हो गया है. 

यहां की एक अजीब प्रथा है कि यहां आने वाले लोग बाबा के मंदिर में कंबल चढ़ाते हैं. ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बाबा हमेशा कंबल ही ओड़ा करते थे. 

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