धरती पर कैसे पनपा पानी और जीवन? सोलर सिस्टम से भी पहले मौजूद था वो 'बाहुबली'
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धरती पर कैसे पनपा पानी और जीवन? सोलर सिस्टम से भी पहले मौजूद था वो 'बाहुबली'

Asteroid Bennu: लंबे समय से वैज्ञानिक बिरादरी इस बात पर मंथन कर रही है कि धरती पर पानी कैसे बना, कहां से आया. इसके अलावा जीवन कहां से आया. इन सबके बीच क्षुद्रग्रह यानि कि एस्टेरॉयड बिन्नू को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है.

धरती पर कैसे पनपा पानी और जीवन? सोलर सिस्टम से भी पहले मौजूद था वो 'बाहुबली'

Asteroid Existence: एस्टेरॉयड बेन्नू एक बार फिर चर्चा में है. 4.5 अरब वर्ष पुराने इस क्षुद्रग्रह बेन्नू से एकत्र किए गए नमूने पृथ्वी पर लाए गए हैं. इन नमूनों का अध्ययन कर्टिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कर रहे हैं, जो एक अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं, ताकि हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति को समझ सकें. असल में इस शोध को करने वाले वैज्ञानिकों ने जो कहा है वो काफी चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि यह क्षुद्रग्रह संभवतः सौर मंडल के जन्म से पहले ही मौजूद था और इसने पृथ्वी पर पानी और जीवन लाया हो, ऐसा भी सकता है.

आश्चर्यजनक निष्कर्ष सामने आए

दरअसल, वियान न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक नासा का अरबों डॉलर का ओसीरिस-रेक्स मिशन पिछले साल सितंबर में अपना सात साल का सफर पूरा कर क्षुद्रग्रह बेन्नू से नमूने लेकर वापस आया. इसके नमूने दुनिया भर की विभिन्न शोध प्रयोगशालाओं में भेजे गए, जिनमें कर्टिन भी शामिल थी. अब एक नए अध्ययन में नमूनों से कुछ आश्चर्यजनक निष्कर्ष सामने आए हैं.

नमूनों में कुछ अद्भुत चीजें देखीं

रिपोर्ट के मुताबिक 'मेटियोरिटिक्स एंड प्लैनेटरी साइंस' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में बताया गया कि वैज्ञानिकों ने क्षुद्रग्रह के नमूनों में कुछ अद्भुत चीजें देखीं. उन्होंने इन नमूनों में धूल के आकार से लेकर लगभग 3.5 सेंटीमीटर लंबे तक के गहरे रंग के कण पाए. इनके साथ कुछ हल्के रंग के कण और पत्थर भी मिले. इन नमूनों में एक चमकीला पदार्थ भी पाया गया जो परतों के रूप में दिखाई देता था. 

क्या बिन्नू सोलर सिस्टम से पहले ही मौजूद था?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि विश्लेषण से पता चलता है कि बेन्नू सबसे अधिक रासायनिक रूप से आदिम पदार्थों में से एक है, जो सूर्य की दिखाई देने वाली सतह की संरचना के समान है. इसी आधार पर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्या बिन्नू सोलर सिस्टम से पहले ही मौजूद था. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है अभी इस पर गहरी जांच जरूरी है.

इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने पाया कि बेन्नू क्षुद्रग्रह ग्रहों से अलग तरीके से बना है. इसकी रासायनिक संरचना सूर्य से थोड़ी अलग है. यह बताता है कि बेन्नू के बनने के बाद अलग-अलग चीजें हुईं. जब वैज्ञानिकों ने बेन्नू के नमूनों की जांच की, तो उन्हें कुछ और भी मिला. उन्होंने पाया कि इसमें पानी से बने खनिज और कार्बन भी हैं. इसका मतलब है कि इस तरह के क्षुद्रग्रह पृथ्वी पर पानी और जीवन के निर्माण खंडों को पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

बता दें कि काफी समय पहले ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बेन्नू नामक इस विशालकाय एस्टेरॉयड को खतरनाक श्रेणी में रखा हुआ है. इसके बाद से लगातार इस एस्टेरॉयड को लेकर अध्ययन हो रहे हैं. माना जाता है कि बेन्नू नामक एस्टेरॉयड 2 अरब से 70 करोड़ साल पहले एक बड़े एस्टेरॉयड से अलग हुआ होगा.

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