Supermassive Black Hole NASA Discovery: एक हैरान करने वाली खोज में, नासा ने पता लगाया है कि हमारे पड़ोस में स्थित एक आकाशगंगा के ब्लैक होल से निकलने वाले जेट्स अंतरिक्ष में किसी रहस्यमय चीज से टकरा गए.
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Black Hole News: हमारे पड़ोस में एक बहुत अजीब आकाशगंगा पाई जाती है, जिसका नाम है सेंटोरस ए. हर बड़ी आकाशगंगा की तरह, Centaurus A केंद्र में भी एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है. इस ब्लैक होल से निकलने वाले गर्म प्लाज्मा का जेट अंतरिक्ष में यात्रा करते समय किसी चीज से टकराया है. वह चीज क्या है? अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों को नहीं पता. उन्होंने इस चीज को C4 कहा है. यहां पर जो कुछ भी हो, बड़ा दिलचस्प होने वाला है क्योंकि सेंटोरस ए* के जेट्स की किसी अन्य टक्कर से ऐसे V आकार के एक्स-रे उत्सर्जन नहीं देखे गए हैं, जैसे C4 में मिले हैं.
ब्रह्मांड में भयानक दहाड़ लगा रहा है सेंटोरस ए का ब्लैक होल
मिल्की वे से करीब 12 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित Centaurus A गैलेक्सी बहुत अनोखी है. इसके गैलेक्टिक प्लेन के चारों तरफ चक्कर लगाती बौनी आकाशगंगाओं का एक घेरा है. इसकी संरचना ऐसी है जो दो आकाशगंगाओं की टक्कर और विलय से बनी मालूम होती है. इसका सुपरमैसिव ब्लैक होल बेहद सक्रिय है और यहां पर तारों का निर्माण भी बहुत तेजी से हो रहा है.
सेंटोरस ए के ब्लैक होल (Centaurus A*) की गतिविधि बहुत तेज है. इसके ध्रुवीय क्षेत्रों से निकलने वाले जेट्स अंतरिक्ष में दाखिल होते हैं, और ऐसा करते समय रेडियो उत्सर्जन के विशाल गोले बनाते हैं. इन्हीं सब वजहों से वैज्ञानिकों की सेंटोरस ए पर खास नजर रहती है.
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सुपरमैसिव ब्लैक होल के जेट
सुपरमैसिव ब्लैक होल जब सक्रिय होता है, तो इसका मतलब यह होता है कि वह अपने चारों तरफ घूम रही पदार्थ की बड़ी डिस्क से पदार्थ खींच रहा होता है, ठीक वैसे ही जैसे किचन सिंक में पानी घुसता है. लेकिन यह जरूरी नहीं कि घूमता हुआ सारा पदार्थ ब्लैक होल के इवेंट होराइजन से आगे पहुंचे.
वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ पदार्थ ब्लैक होल के बाहरी भाग के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के साथ-साथ ध्रुवों की ओर मोड़ दिया जाता. जहां इसे जबरदस्त ताकत के साथ अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाता है, जिससे कणों के जेट बनते हैं. इन जेट्स की लंबाई, कुछ मामलों में, लाखों प्रकाश वर्ष तक पहुंच जाती है.
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सेंटोरस ए* का जेट किससे टकराया?
NASA की Chandra X-ray Observatory की मदद से वैज्ञानिकों ने Centaurus A* से निकलते जेट्स पर गहरी नजर डाली. तभी उन्हें एक जगह V आकार का फीचर नजर आया. यह कुछ ऐसा दिखता है कि मानों निर्वात में प्रकाश की चाल के लगभग बराबर गति से चल रहा जेट किसी चीज से टकराया हो, जिसकी वजह से दो धाराएं बह निकली हों. इस V की हर भुजा कुल 700 प्रकाश वर्षों में फैली है.
वह रहस्यमय चीज एक विशाल तारा भी हो सकती है और टर्बुलेंस की कोई गांठ भी. जो भी हो, V की भुजाएं जेट और उस चीज के बीच के इंटरएक्शन से बन सकती हैं, जो पदार्थ को सोर्स प्वाइंट से दूर उड़ा देती है. चूंकि यह पदार्थ भी जेट के साथ इंटरएक्ट कर रहा है, इसलिए यह भी एक्स-रे में चमकता है.
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यह मॉडल भी V स्ट्रक्चर को समझा नहीं पाता. आखिर सोर्स प्वाइंट से दोनों भुजाओं का प्रवाह जेट की दिशा में होना चाहिए, लेकिन ऐसा केवल एक भुजा में दिखाई देता है. दूसरी भुजा एक तिरछे कोण पर दिखती है, जिसे समझाना मुश्किल है. यह रिसर्च हाल ही में The Astrophysical Journal में छपी है.