दुनिया ने पहली बार इतने करीब से देखा बुध ग्रह, अंतरिक्ष यान ने भेजी तस्वीरें
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दुनिया ने पहली बार इतने करीब से देखा बुध ग्रह, अंतरिक्ष यान ने भेजी तस्वीरें

सूर्य के सबसे नजदीकी पड़ोसी बुध ग्रह (Mercury) की सबसे नजदीकी तस्वीर दुनिया के सामने आई है. इस तस्वीर को देखकर दुनिया में हैरानी जताई जा रही है.

बुध ग्रह की पहली तस्वीर (साभार AFP)

लंदन: सूर्य के सबसे नजदीकी पड़ोसी बुध ग्रह (Mercury) की सबसे नजदीकी तस्वीर दुनिया के सामने आई है. यह घटना तब हुई, जब यूरो-जापान का ज्वॉइंट स्पेसक्राफ्ट BepiColombo इस ग्रह के पास से गुजरा. 

  1. गुरुवार को खींची गई तस्वीरें
  2. दस करोड़ किमी की दूरी की तय
  3. एक स्पेसक्राफ्ट के भीतर दो यान

गुरुवार को खींची गईं तस्वीरें

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना गुरुवार को हुई, जब स्पेसक्राफ्ट (BepiColombo Mission) बुध ग्रह के 200 किमी ऊपर से गुजरा. इसके बाद ये गहरे अंतरिक्ष की ओर बढ़ गया. मिशन के तहत यह स्पेसक्राफ्ट इस तरह के 5 ड्राइव करने वाला है. इसके बाद स्पेसक्राफ्ट की स्पीड धीरे-धीरे धीमी करके उसे बुध ग्रह की स्थिर कक्षा में स्थापित करने की योजना है. यह 2025 तक बुध ग्रह की जांच कर 2 रिपोर्ट भेजेगा.  

दस करोड़ किमी की दूरी की तय

रिपोर्ट के मुताबिक यह मिशन 2018 में लॉन्च किया गया था, तब से यह करीब 63 मिलियन मील यानी दस करोड़ किमी की दूरी तय करके सौर मंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध (Mercury) के पास पहुंचा है. गुरुवार को अंतरिक्ष यान ने करीब 125 मील की दूरी से अपने निगरानी वाले कैमरे से कम रिजॉल्यूशन की तस्वीरें ली. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि तस्वीर में ग्रह का उत्तरी हिस्सा दिख रहा है. इसके साथ ही करीब 103 मील चौड़ा क्रेटर (गड्ढा) भी दिखाई दे रहा है. 

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency) ने कहा है कि एक बार फ्लाईबाई से मिलने वाली सभी तस्वीरें हासिल हो जाएंगी तो एक छोटी फिल्म बनाई जाएगी. इसे सोमवार को रिलीज किया जाएगा. स्पेसक्राफ्ट के उपकरणों को 2025 में मिशन के ठीक तरह से ऑर्बिट में आने का इंतजार करना पड़ेगा. 

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एक स्पेसक्राफ्ट के भीतर दो यान

रिपोर्ट में कहा गया कि BepiColombo में एक ही स्पेसक्राफ्ट के भीतर दो स्पेसक्राफ्ट है. इसका एक हिस्सा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (Esa) द्वारा तैयार किया गया है, जबकि दूसरा हिस्सा जापानी अंतरिक्ष एजेंसी (Jaxa) ने विकसित किया है. जिस तरह से इन दोनों स्पेसक्राफ्ट को एक साथ जोड़ा गया है, वो मुख्य कैमरों के एपर्चर को बाधित करते हैं. इस मिशन का नाम इटली के वैज्ञानिक Giuseppe Bepi Colombo के नाम पर रखा गया है. 

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