मंगल पर हजारों साल तक भरती-सूखती रही झील में शायद जीवन पनपा था, भारतीय वैज्ञानिकों की हैरान करने वाली खोज
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मंगल पर हजारों साल तक भरती-सूखती रही झील में शायद जीवन पनपा था, भारतीय वैज्ञानिकों की हैरान करने वाली खोज

Life On Mars Planet: भारतीय वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के एक निचले इलाके में ऐसे वातावरण के निशान खोजे हैं जहां पर जीवन के अनुकूल स्थितियां रही होंगी.

मंगल पर हजारों साल तक भरती-सूखती रही झील में शायद जीवन पनपा था, भारतीय वैज्ञानिकों की हैरान करने वाली खोज

Science News in Hindi: भारतीय वैज्ञानिकों ने मंगल पर जीवन की मौजूदगी से जुड़े नए सबूत खोजे हैं. लंबे समय से वैज्ञानिक वहां पर प्राचीन समय में पानी की मौजूदगी का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. तरल पानी को धरती पर जीवन के लिए सबसे जरूरी तत्वों में से एक माना जाता है. इसी वजह से, वैज्ञानिकों की दिलचस्पी मंगल के 'टेरा सिरेनम' नामक क्षेत्र में है. इसके भीतर एक टोपोग्राफिक डिप्रेशन है जो मंगल ग्रह के आर्द्र इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण सुराग दे सकता है. अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी (PRL) के वैज्ञानिकों ने नई स्टडी में दावा किया है कि यह डिप्रेशन असल में एक विशाल तलछटी बेसिन का हिस्सा है जो कभी अपनी वर्तमान सीमाओं से परे तक फैला हुआ था. उनका एनालिसिस बताता है कि यह इलाका हजारों साल में कई बार लबालब हुआ और सूखा भी. इससे जीवन के सूक्ष्‍म रूपों के पनपने लायक परिस्थितियां बनी होंगी.

मंगल पर जीवन: भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च क्या बताती है?

JGR Planet में छपी स्टडी के मुताबिक, जियोकेमिकल मॉडल दिखाते हैं कि इस क्षेत्र में मिले खनिजों के भंडार ने माइक्रोऑर्गनिज्म्स (सूक्ष्‍म जीवों) को पनपने से नहीं रोका होगा. इसके पीछे यह धारणा है कि पृथ्‍वी पर दुर्गम परिस्थितियों में भी जीवन पनपता मिला है. स्टडी के नतीजों से यह भी संकेत मिलते हैं क्लोराइड की प्रचुर मात्रा वाले इन इलाकों में पानी जमा हो सकता था, जिससे जीवन के लिए अनुकूल वातावरण बनता.

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क्लोराइड्स अपने आसपास से नमी सोख लेते हैं. वे दुर्गम स्थितियों में भी सूक्ष्मजीवी जीवन को सहारा देने में सक्षम माने जाते हैं. इसी आधार पर, रिसर्चर्स का दावा है कि ऐसे इलाकों में शायद कभी पानी मौजूद रहा होगा, जो प्राचीन मंगल पर माइक्रोबियल लाइफ का ठिकाना बना होगा.

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स्टडी के मुताबिक, भविष्य में इन इलाकों में और जांचें भेजी जा सकती हैं जिससे मंगल के इतिहास और वहां जीवन की संभावना के बारे में अधिक जानकारी मिल पाए.

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