Jupiter's Great Red Spot: हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पता लगाया है कि बृहस्पति का महान लाल धब्बा सिकुड़ रहा है. कोई नहीं जानता कि ऐसा क्यों हो रहा है.
Trending Photos
Science News in Hindi: हबल स्पेस टेलीस्कोप ने बृहस्पति के ग्रेट रेड स्पॉट (GRS) की अजीब प्रकृति को कैमरे में कैद किया है. यह लाल धब्बा इस प्रकार दोलन कर रहा है, मानो वह लगभग हर 90 दिन में अंदर-बाहर हो रहा हो. सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह पर मौजूद यह विशाल प्रतिचक्रवाती तूफान दशकों से सिकुड़ता जा रहा है. इसकी चौड़ाई वर्तमान में लगभग 9,165 मील (14,750 किलोमीटर) है. यह इस तरह से व्यवहार क्यों कर रहा है, एक रहस्य बना हुआ है.
अंदर और बाहर सिकुड़ रहा है महान लाल धब्बा
मैरीलैंड में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की एमी साइमन ने एक बयान में कहा, 'हबल के हाई रिज़ॉल्यूशन के साथ, हम कह सकते हैं कि GRS निश्चित रूप से एक ही समय में अंदर और बाहर सिकुड़ रहा है क्योंकि यह ते और धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. यह बहुत अप्रत्याशित था, और वर्तमान में इसका कोई हाइड्रोडायनामिक स्पष्टीकरण नहीं है.
क्यों इस बात से हैरान हैं वैज्ञानिक?
साइमन के नेतृत्व में एस्ट्रोनॉमर्स की एक टीम ने हबल की मदद से 'ग्रेट रेड स्पॉट' को 88.5 दिन तक ऑब्जर्व किया. दिसंबर 2023 और मार्च 2024 के बीच ली गई तस्वीरों का टाइम लैप्स दिखाता है कि GRS समय-समय पर अपने सेमी-मेजर एक्सिस (दीर्घवृत्त का सबसे चौड़ा भाग) के साथ फैलता और सिकुड़ता है. साइमन ने कहा, 'हम यह जानते थे कि इसकी गति देशांतर में थोड़ी अलग होती है, लेकिन हमने आकार में भी उतार-चढ़ाव की उम्मीद नहीं की थी.'
GRS को ऊपर और नीचे से शक्तिशाली जेट धाराओं द्वारा झटका दिया जाता है जो विशाल ग्रह के चारों ओर 266 मील प्रति घंटे 428 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूमती हैं. जेट धाराएं इस विशाल भंवर को अन्य अक्षांशों में भटकने से रोकती हैं. हालांकि, इसे वायुमंडल के बाकी हिस्सों के संबंध में पश्चिम की ओर बहते हुए देखा जाता है. यह बहाव स्थिर नहीं है, लेकिन इसे लगभग 90-दिन के दोलन में तेज और धीमा होते हुए मापा गया है. यह किसी सैंडविच की तरह है जहां बीच में बहुत ज्यादा फिलिंग होने पर ब्रेड फूल जाती है.
यह भी पढ़ें: यह ब्लैक होल है ब्रह्मांड का सबसे बेरहम सीरियल किलर! एक तारे के चीथड़े उड़ाए, अब दूसरे पर डाली काली नजर
महान लाल धब्बे का सिकुड़ना और इसके दोलन का तेज-धीमा होना बताता है कि इस तूफान में कुछ दिलचस्प बदलाव आ रहे हैं. साइमन और उनकी टीम की रिसर्च के नतीजे 9 अक्टूबर को The Planetary Science जर्नल में छपे हैं.