माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी कैसे है? 89000 साल पहले एक नदी की 'चोरी' में छिपा है राज
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माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी कैसे है? 89000 साल पहले एक नदी की 'चोरी' में छिपा है राज

Mount Everest News: माउंट एवरेस्ट को जितना ऊंचा होना चाहिए, यह चोटी उससे कहीं अधिक ऊंची है. वैज्ञानिकों को अब  इसकी वजह समझ आ गई है. एवरेस्ट की ऊंचाई का राज करीब 90 हजार साल पहले एक नदी की 'चोरी' में छिपा है.

माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी कैसे है? 89000 साल पहले एक नदी की 'चोरी' में छिपा है राज

Science News in Hindi: दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट हर साल 2 मिलीमीटर की दर से बढ़ रही है. इसके ऊंचा होने की रफ्तार वैज्ञानिकों के अनुमान से कहीं ज्यादा है. हिमालय का यह पर्वत शिखर जितना ऊंचा होना चाहिए, उससे कहीं अधिक ऊंचा है. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चोटी K2 से एवरेस्ट की ऊंचाई 238 मीटर ज्यादा है. एक नई स्टडी कहती है कि माउंट एवरेस्ट अपनी सामान्य ऊंचाई से 15-50 मीटर अधिक ऊंचा है. क्योंकि नदी इसके आधार पर चट्टान और मिट्टी का कटाव कर रही है, जिससे इसे ऊपर की ओर बढ़ने में मदद मिल रही है.

हजारों साल पहले एक नदी की 'चोरी' में छिपा राज

माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है. ब्रिटिश और चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम के मुताबिक, एवरेस्ट की असाधारण ऊंचाई के लिए पास की एक नदी जिम्मेदार है. इस नदी ने 89,000 वर्ष पहले एक दूसरी नदी को अपने में समाहित कर लिया था, जिससे कटाव हुआ और एवरेस्ट की ऊंचाई और बढ़ गई. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के रिसर्चर्स ने कहा कि 75 किलोमीटर दूर अरुण नदी बेसिन में भूमि के कटाव के चलते दुनिया की सबसे ऊंची चोटी प्रति वर्ष 2 मिमी तक बढ़ रही है. रिसर्च टीम की खोज के नतीजे Nature Geoscience पत्रिका में छपे हैं.

टीम ने न्यूमेरिकल मॉडलिंग के जरिए देखा कि समय के साथ नदी कैसे बदल गई. उन्होंने पाया कि, लगभग 89,000 साल पहले, अरुण नदी ने पास की दूसरी नदी पर 'कब्जा' कर लिया था. इस घटना को 'रिवर पाइरेसी' कहा जाता है, यह तब होता है जब कोई नदी अपना मार्ग बदल देती है और किसी अन्य नदी या धारा के बहाव को अपने में समा लेती है.

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सिर्फ माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई ही नहीं बढ़ी...

आज अरुण नदी एक प्रमुख नदी है जो हिमालय के मूल भाग से होकर एक गहरी, संकरी घाटी बनाती है. यह 35 किलोमीटर के क्षेत्र में 7 किलोमीटर की ऊंचाई तक गिरती है. लेकिन जब यह नदी बहुत पहले बनी थी, तो इसे चोमोलुंगमा की उत्तरी ढलानों से होकर इतना गहरा रास्ता बनाने के लिए भूस्खलन या ग्लेशियर की जरूरत नहीं थी. इसके बहते पानी में उतनी ताकत दी जिसकी इसे जरूरत थी.

मॉडल बताते हैं कि लगभग 89,000 साल पहले, अरुण की सहायक नदी ने अपने मूल कोसी नदी से ज्यादा पानी इकट्ठा करना शुरू कर दिया था. उसकी ताकत में अचानक हुए इस इजाफे से एक घाटी बनी होगी.

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रिसर्च टीम का अनुमान है कि नदी की इस 'चोरी' के कारण एवरेस्ट की ऊंचाई 15 से 50 मीटर के बीच हो गई है, जो वैसे नहीं होती. इस 'चोरी' ने एवरेस्ट की पड़ोसी चोटियों, लोत्से और मकालू को भी असामान्य रूप से ऊंचा बना दिया है. ये क्रमशः दुनिया के चौथे और पांचवें सबसे ऊंचे पर्वत हैं.

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