अब चांद पर भी 4G नेटवर्क मिलेगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने इस काम का ठेका नोकिया (NOKIA) को दिया है. कंपनी चांद की सतह पर 4G नेटवर्क स्थापित करेगी. वैसे, नोकिया पहले भी यह कोशिश कर चुकी है.
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वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चांद पर 4G नेटवर्क स्थापित करने का ठेका नोकिया (NOKIA) को दिया है. नोकिया की योजना पहले 4G/LTE नेटवर्क स्थापित करके बाद में उसे 5G में परिवर्तित करने की है. नासा की तरफ से काम शुरू करने के लिए नोकिया को USD 14.1 मिलियन का फंड मुहैया कराया जाएगा.
बेहतर होगा संचार
यह फंड नासा के ‘टिपिंग पॉइंट’ सिलेक्शन के तहत हस्ताक्षरित USD 370 मिलियन मूल्य के अनुबंध का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाना है. नासा ने अपनी आधिकारिक घोषणा में कहा कि यह 4G सिस्टम ज्यादा दूरी, तेज स्पीड और ज्यादा बेहतर तरीके से चांद की सतह पर कम्युनिकेशन करने में सपोर्ट कर सकता है.
To the moon!
We are excited to have been named by @NASA as a key partner to advance “Tipping Point” technologies for the moon, to help pave the way towards sustainable human presence on the lunar surface.
So, what technology can you expect to see? (1/6) pic.twitter.com/wDNwloyHdP
— Bell Labs (@BellLabs) October 15, 2020
कुल 14 कंपनियों को चुना
NASA ने अपने मून मिशन के लिए नोकिया सहित कुल 14 अमेरिकी कंपनियों को चुना है. इस मिशन के लिए कुल USD 370 मिलियन का फंड आवंटित किया गया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का लक्ष्य टेक्नोलॉजी की एक श्रृंखला विकसित करना है, जिससे इस दशक के अंत तक चंद्रमा पर स्थायी आर्टेमिस संचालन का मार्ग प्रशस्त हो सके.
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तेजी से विकसित करनी होंगी तकनीक
चयनित कंपनियों में स्पेसएक्स, लॉकहीड मार्टिन, नोकिया, सिएरा नेवादा, एसएसएल रोबोटिक्स और यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (यूएलए) शामिल हैं. यूनाइटेड प्रेस इंटरनेशनल के अनुसार, नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइन (NASA Administrator Jim Bridenstine) ने एक लाइव प्रसारण में कहा कि यदि नासा 2028 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर काम करते देखने के अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहती है, तो उसे तेजी से नई तकनीकों को विकसित करना होगा. ब्रिडेनस्टाइन ने आगे कहा कि हमें ऐसे पावर सिस्टम की जरूरत है, जो चंद्रमा की सतह पर लंबे समय तक रह सकते हैं, और हमें चांद पर प्रवास की क्षमता भी विकसित करनी होगी.
जाहिर की खुशी
वहीं, नोकिया की रिसर्च आर्म, बेल लैब्स ने ट्विटर पर कॉन्ट्रैक्ट मिलने की खुशी जाहिर की है. उसने लिखा है, ‘चंद्रमा के लिए 'टिपिंग प्वाइंट' प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रमुख भागीदार के रूप में नासा द्वारा चुने जाने पर हम बेहद उत्साहित हैं. इससे चांद की सतह पर मानव की स्थायी उपस्थिति की दिशा में मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिलेगी’.
पहले भी हुआ है प्रयास
वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब नोकिया को यह जिम्मेदारी मिली है. Nokia द्वारा इससे पहले 2018 में चांद पर LTE नेटवर्क लॉन्च करने की पहली कोशिश की गई थी. Nokia ने जर्मन स्पेस फर्म PTScientists और Vodafone UK के साथ साझेदारी की थी, जिसके तहत अपोलो 17 लैंडिंग पर नेटवर्क स्थापित करने की योजना थी. हालांकि इस योजना पर कभी अमल नहीं हो सका.
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