एस्टेरॉयड से टक्कर के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने अपना स्पेसक्राफ्ट रवाना कर दिया है. नासा ने इसे डार्ट मिशन (DART Mission) नाम दिया है.
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वॉशिंगटन: एस्टेरॉयड से टक्कर के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने अपना स्पेसक्राफ्ट रवाना कर दिया है. नासा ने इसे डार्ट मिशन (DART Mission) नाम दिया है. इस मिशन का मकसद स्पेस से आ रही तबाही मचाने वाली चट्टानों से धरती को बचाना है. स्पेसक्राफ्ट को एलन मस्क के रॉकेट फाल्कॉन 9 से स्पेस में भेजा गया है.
जिस एस्टेरॉयड से स्पेसक्राफ्ट की टक्कर होने वाली है, उसका नाम Dimorphos है. ये सौर मंडल में घूम रही धूल से भरी एक अंतरिक्ष चट्टान है जिसकी लंबाई 169 मीटर के करीब और चौड़ाई आधा मील है.
एस्टेरॉयड अपने से बड़े एक दूसरे एस्टेरॉयड डिडिमोस का चक्कर काट रहा है. 2022 के अंत में DART अंतरिक्ष यान Dimorphos से टकराने के लिए तैयार होगा. उस समय ये एस्टेरॉयड पृथ्वी से लगभग 7 मिलियन मील की दूरी पर होगा.
इस मिशन के जरिए स्पेस एजेंसी ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि धरती की ओर आ रही विशाल आसमानी चट्टान को उसके रास्ते से हटाना कितना कठिन है. डार्ट मिशन भविष्य में धरती की ओर आ रहे खतरनाक एस्टेरॉयड को तबाह करने का तरीका बताएगा.
अंतरिक्ष यान बुधवार को कैलिफोर्निया से Dimorphos एस्टेरॉयड से टक्कर के लिए रवाना हुआ. इस मिशन के जरिए एस्टेरॉयड का रास्ता बदलने की कोशिश की जाएगी. डार्ट को डबल एस्टेरॉयड रिडॉयरेक्शन टेस्ट के लिए बनाया गया है.
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वैज्ञानिकों के मुताबिक, हर दिन छोटे-बड़े कई एस्टेरॉयड धरती की कक्षा में प्रवेश करते हैं. इनमें से अधिकतर वायुमंडल के घर्षण के कारण नष्ट हो जाते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में कई ऐसे एस्टेरॉयड अब भी मौजूद हैं, जिनसे धरती को खतरा हो सकता है.
अंतरिक्ष यान Dimorphos एस्टेरॉयड से टकराएगा और वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस टक्कर से एस्टेरॉयड की दिशा और गति बदल जाएगी. हालांकि एस्टेरॉयड Dimorphos धरती के लिए कोई खतरा नहीं है, लेकिन अगर ये प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा धरती की तरफ आने वाले खतरनाक एस्टेरॉयड की दिशा को बदल सकती है.