वैज्ञानिकों ने डेवलप की ऐसी खास तकनीक, हार्ट अटैक आने से 4 साल पहले ही लग जाएगा पता
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वैज्ञानिकों ने डेवलप की ऐसी खास तकनीक, हार्ट अटैक आने से 4 साल पहले ही लग जाएगा पता

अमेरिका (America) के साइंटिस्ट्स ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट (Blood Test) की तकनीक को डेवलप किया है, जिससे 4 साल पहले यह पता चल सकेगा कि शख्स में हार्ट अटैक (Heart Attack), हार्ट फेलियर (Heart Failure) और स्ट्रोक (Stroke) की कितनी आशंका है.

फाइल फोटो

वॉशिंगटनः इंसान को हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक (Stroke) और हार्ट फेलियर (Heart Failure) कब हो जाए, इसका अंदाजा भी नहीं होता. इस वजह से कई लोगों को जान तक गंवानी पड़ती है. हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक इजाद की है, जिससे समय रहते इन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. यह खुलासा वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च के बाद किया.

  1. वैज्ञानिकों ने नई ब्लड टेस्ट टेक्निक को किया इजाद
  2. हार्ट अटैक और स्ट्रोक का पहले से ही लगाया जा सकेगा पता
  3. डॉक्टरों को इलाज में मिलेगी मदद

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4 साल के रिस्क का चल सकेगा पता

'द गार्जियन' की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने ऐसा ब्लड टेस्ट (Blood Test) डेवलप किया है, जो यह अनुमान लगा सकता है कि अगले 4 वर्षों में किसी को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर या इनमें से किसी एक स्थिति से मरने का खतरा है या नहीं. यह टेस्ट ब्लड में प्रोटीन की मात्रा पर निर्भर करता है, जिससे बीमारियों के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. इससे डॉक्टरों को यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि क्या रोगियों की मौजूदा दवाएं काम कर रही हैं या क्या उन्हें अपनी बीमारियों के रिस्क को कम करने के लिए एक्स्ट्रा दवाओं की जरूरत है.

कारगर इलाज का चल सकेगा पता

रिसर्च में शामिल डॉ. स्टीफन विलियम्स ने कहा कि मुझे लगता है कि टेस्ट इस सवाल का जवाब देने में सक्षम है कि क्या किसी व्यक्ति को एक्सट्रा इलाज की आवश्यकता है? इस टेस्ट का इस्तेमाल नई कार्डियोवैस्कुलर दवाओं के विकास में तेजी लाने के लिए भी किया जा सकता है.

यूके में भी टेस्ट को किया जा सकता है लॉन्च

इस टेस्ट का इस्तेमाल अमेरिका (America) में पहले से ही विभिन्न हेल्थ प्रणालियों में किया जा रहा है. डॉ. विलियम्स को उम्मीद है कि जल्द ही इसे यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में लॉन्च किया जा सकता है. जहां जेनेटिक टेस्ट (Genetic Test) से कुछ बीमारियों के रिस्क के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है. वहीं, प्रोटीन विश्लेषण से किसी भी समय किसी के अंग, ऊतक और कोशिकाएं क्या कर रहे हैं, इसका सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. 

22 हजार से अधिक लोगों में रिसर्च

विलियम्स और उनके सहयोगियों ने 22,849 लोगों के रक्त प्लाज्मा (Blood Plasma) के नमूनों में 5,000 प्रोटीन का विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया और 27 प्रोटीनों की पहचान की, जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर या मौत के 4 साल की आशंका का अनुमान लगा सकते हैं. 11,609 लोगों में टेस्ट के बाद पाया गया कि उनका मॉडल मौजूदा रिस्क स्कोर से लगभग दोगुना अच्छा था.

मेजरमेंट टेक्निक करता है प्रदान

किंग्स कॉलेज लंदन (King College London) में कार्डियोवस्कुलर प्रोटिओमिक्स के ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के प्रोफेसर प्रोफेसर मैनुअल मेयर ने कहा कि प्रोटीन हमारे शरीर का अहम हिस्सा है. यह रिसर्च हमारे जीन द्वारा एन्कोड किए गए सभी प्रोटीनों के एक चौथाई के लिए मेजरमेंट प्रदान करता है. 
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