New Research: समंदर से धरती का कौन सा टुकड़ा सबसे पहले बाहर निकला? सच जानकर रह जाएंगे हैरान
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New Research: समंदर से धरती का कौन सा टुकड़ा सबसे पहले बाहर निकला? सच जानकर रह जाएंगे हैरान

New Research on Earth: करोड़ों साल पहले समुद्र के कई हिस्से बाहर निकलने की वजह से धरती का निर्माण हुआ था. समुद्र से जो टुकडा सबसे पहले बाहर आया, उसके बारे में जानकर आप हैरानी से भर उठेंगे.

सिंहभूम जिले में मिट्टी के दीये बनाता कुम्हार (साभार विकीमीडिया कॉमंस)

New Research on Earth: यह तो सब जानते हैं कि करोड़ों साल पहले समुद्र के कई हिस्से बाहर निकलने की वजह से धरती का निर्माण हुआ था. लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि जो हिस्सा सबसे पहले बाहर निकला, वह आज किस देश में है. आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि समुद्र से निकला दुनिया का प्राचीनतम हिस्सा भारत में ही है.

  1. 3.2 अरब साल पहले समुद्र से निकला सिंहभूम जिला
  2. बलुआ पत्थरों की पड़ताल से हुआ खुलासा
  3. ज्वालामुखी के लावा से हुआ सिंहभूम का निर्माण

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चर्चित जर्नल PNAS में एक लेटेस्ट रिसर्च प्रकाशित हुआ है. यह रिसर्च अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत के वैज्ञानिकों के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है. इस रिसर्च में पता चला है कि करीब करीब 3.2 अरब साल पहले धरती पहली बार समुद्र से बाहर निकली थी. उस दौरान समुद्र से जो हिस्सा सबसे पहले बाहर निकला, वह झारखंड (Jharkhand) का सिंहभूम (Singhbhum) जिला हो सकता है.

3.2 अरब साल पहले समुद्र से निकला सिंहभूम जिला

रिसर्चर के मुताबिक सिंहभूम (Singhbhum) में मिलने वाले बलुआ पत्‍थर में प्राचीन नदी चैनल, ज्‍वार-भाटा और तट के करीब 3.2 अरब साल पुराने होने के भूगर्भीय संकेत मिले हैं. इससे पता चलता है कि धरती का यही इलाका सबसे पहले समुद्र से बाहर निकला था. 

बलुआ पत्थरों की पड़ताल से हुआ खुलासा

रिसर्च (New Research on Earth) में शामिल मोनाथ यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉक्‍टर प्रियदर्शिनी चौधरी ने कहा, 'हमें गाद संबंधी एक विशेष तरह की चट्टान मिली, जिसे बलूआ पत्‍थर कहा जाता है. इसके बाद हमने उसकी उम्र और किन परिस्थितियों में उनका विकास हुआ, यह पता लगाने का प्रयास किया. हमने यूरेनियम और छोटे खनिजों का विश्‍लेषण करके उम्र का पता लगाया. पता चला कि ये चट्टानें 3.2 अरब साल पुरानी थीं. ये चट्टानें प्राचीन नदियों, तटों और उथले समुद्र की वजह से बनी थीं. इसलिए हमने यह निष्‍कर्ष निकाला कि सिंहभूम (Singhbhum) इलाका करीब 3.1 अरब साल पहले ही समुद्र से बाहर आ गया था.'

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ज्वालामुखी के लावा से हुआ सिंहभूम का निर्माण

रिसर्चर के अनुसार सिंहभूम (Singhbhum) जिले की जमीन ग्रेनाइट से बनी है. ये ग्रेनाइट करीब 3.5 अरब साल पुरानी हैं. दरअसल करोड़ों साल पहले प्रथ्वी में करीब 35-45 किलोमीटर नीचे ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ. विस्फोट का यह सिलसिला लगातार कई हजार सालों तक चलता रहा. इस दौरान ज्वालामुखी का लावा समुद्र में भरने लगा. जिससे पहली बार समुद्र में से धरती निकलकर सामने आई. सिंहभूम में मिलने वाले ग्रेनाइट उसी ज्वालामुखी विस्फोट से निकले लावा के जरिए हुआ था. रिसर्च के मुताबिक अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में भी धरती के कुछ प्राचीनतम हिस्से पाए गए हैं. लेकिन सिंहभूम जिला उन सबमें सबसे पुराना पाया गया है.

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